इलायची का Latin name इलेट्टेरिया कार्डियोभम है। ऱसोई में इसे मसालों की महारानी भी कहा गया है, तीव्र गंध और स्वाद की वजह से इसका इस्तेमाल सभी व्यंजनों में होता है. आयुर्वेद की बात करें तो इलायची, बदहजमी (indigestion), खराश (throat infection), उल्टी (vomiting), Blood pressure जैसी Health problems में फायदेमंद साबित हो सकती है.
1.) खराश:- यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएँ तथा गुनगुना पानी पीएँ।
2.) सूजन:- यदि गले में सूजन आ गई हो, तो मूली के पानी में छोटी इलायची पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।
3.) खाँसी:- सर्दी-खाँसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची, एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएँ।
4.) उल्टी:- बड़ी इलायची पाँच ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक-चौथाई रह जाए, तो उतार लें। यह पानी पीने से उल्टियाँ बंद हो जाती हैं।
5.) छाले:- मुँह में छाले हो जाने पर बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जबान पर रखें। तुरंत लाभ होगा।
6.) बदहजमी:- यदि केले अधिक मात्रा में खा लिए हों, तो तत्काल एक इलायची खा लें। केले पच जाएँगे और आपको हल्कापन महसूस होगा।
7.) जी मिचलाना:- बहुतों को यात्रा के दौरान बस में बैठने पर चक्कर आते हैं या जी घबराता है। इससे निजात पाने के लिए एक छोटी इलायची मुँह में रख लें।
8.) ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद:- जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो वे इलायची का नियमित रूप से इस्तेमाल करें एैसा करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है और आराम भी मिलता है।
9.) इलायची पेट में गैस और एसिडिटी में राहत देती है। यदि खाना खाने के बाद एसिडिटी हो तो आप तुंरत इलायची खाएं।
तो देखा आपने कितने फायदेमंद है इलायची, लेकिन कुछ अवस्थाओं में इसका इस्तेमाल आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करना चाहिए। और अधिक जानकारी के लिए देखते रहिए
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