नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश-लगभग 30 किलोमीटर दूर दुर्गम पर्वतों पर स्थित भगवान शिव का ये मंदिर,
जिसे नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है, बहुत प्रसिद्ध और प्रभावशाली है।
मंदिर मार्ग घुमावदार और अत्यंत रोमांचकारी है,
नीलकंठ महादेव मंदिर की नक़्क़ाशी देखते ही बनती है।
अत्यन्त मनोहारी मंदिर शिखर के तल पर समुद्र मंथन के दृश्य को चित्रित किया गया है और गर्भ गृह के प्रवेश-द्वार पर एक विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विष पीते हुए भी दिखलाया गया है।
सामनेकी पहाड़ी पर शिव की पत्नी, पार्वती जी का मंदिर है।
पौराणिक कथा के अनुसार हलाहल विष पीने के पश्चात भगवान शिव ने नागराज वासुकी को गले मे लपेटा और विष को गले तक ही रोक लिया,
जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया, उस विष की गर्मी से स्वयं महादेव व्याकुल हो उठे और वो इस निर्जन स्थान पर चले आये और तपस्या में लीन होकर विष प्रभाव को नष्ट कर दिया, शिव का प्रतीक शिवलिंग इस मंदिर के केंद्र में स्थित है, मंदिर परिसर में एक सुंदर झरना भी है
जिसमे स्नान करने के पश्चात लोग महादेव के दर्शन करने जाते हैं।
जिस पर्वत पर ये मंदिर स्थित है वहां की वादियाँ बहुत ही सुंदर और मनमोहक हैं,
रंग बिरंगे वृक्ष लताएं और पर्वत मानो शिव भक्ति में लीन उनकी आराधना कर रहे हैं।
जीवन मे कभी अवसर मिले तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें, ऐसी मान्यता है
कि यहां दर्शन करने से जीवन मे नकारात्मकता नष्ट होती है और मन को असीम शांति प्राप्त होती है
जिसका अनुभव मैंने भी यहां आकर किया।
।।महादेव।।