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ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, दुर्गा पूजा समिति को 28 करोड़ देने का मामला

ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। ममता सरकार के 28 करोड़ रुपया दुर्गा पूजा समितियों के देने के बाद कोर्ट ने जबाव मांगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस निर्णय पर रोक नहीं लगाई है। ममता सरकार ने राज्य की 28 हजार दुर्गा पूजा समितियों को कुल मिलाकर 28 करोड़ रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया है। जस्ट‍िस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता ने अनुदान देने के सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से इंकार किया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक वकील सौरव दत्ता ने ममता सरकार के इस निर्णय को चुनौती दी थी। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को दुर्गा पूजा पंडालों को पैसे देने के मामले में गत 10 अक्टूबर को कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता सरकार को बड़ी राहत मिली थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार करते हुए कहा कि सरकार के खर्च की आलोचना के लिए विधानसभा ही उचित जगह है।

हालांकि, पहले अदालत ने 5 अक्टूबर को इस मामले में अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों को 28 करोड़ रुपये का चंदा देने पर रोक लगाते हुए सरकार से पूछा था कि किस फंड से दुर्गा पंडालों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।

इससे पहले अदालत ने 5 अक्टूबर को इस मामले में अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों को 28 करोड़ रुपये का चंदा देने पर रोक लगाते हुए सरकार से पूछा था कि किस फंड से दुर्गा पंडालों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गत 10 सितंबर को राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि राज्य की 28,000 दुर्गा पूजा समितियों (3,000 कोलकाता में और 25,000 राज्य के अन्य जगहों पर) में से प्रत्येक को 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा को सिर्फ बंगाल का गौरव ही नहीं, बल्कि वैश्विक उत्सव बताया था। उन्होंने कहा था, ‘पूजा हमारा गौरव है। टेम्स नदी (लंदन) के किनारे भी पूजा पर एक प्रदर्शनी आयोजित होती है। स्वयंसेवक दिन-रात काम कर सभी तरह की परिस्थितियों को संभालते हैं। पूजा अब विश्व मेला बन चुका है।’

 

 

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