किसान आंदोलन को सबसे बड़ा झटका, हरियाणा में अलग-अलग हो गया संयुक्त किसान मोर्चा

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हरियाणा में अलग-अलग हो गया संयुक्त किसान मोर्चा

हरियाणा में अलग-अलग हो गया संयुक्त किसान मोर्चा-कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 7 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। दिल्ली से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में संयुक्त किसान मोर्चा अलग-अलग हो गया है। आने वाले दिनों में इसका असर उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी देखा जा सकता है।
जागरण संवाददाता के मुताबिक, एक दिन पहले बुधवार को अनाज मंडी में हुई

भारतीय किसान यूनियन की बैठक में पदाधिकारियों ने संयुक्त मोर्चा में शामिल अन्य किसान संगठनों पर तालमेल से काम नहीं करने तथा बैठकों में भाग न लेने का आरोप लगाया है। किसान भवन में आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में चढूनी ग्रुप ने विधानसभा घेराव में भाग लेने का निर्णय लिया।

संयुक्त किसान मोर्चे

उधर, यूनियन के जिला प्रधान समय सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर 26 जून को चंडीगढ़ में किए जा रहे हरियाणा विधानसभा घेराव में जिला से भी किसान संगठन के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में संगठन का विस्तार भी किया गया, जिसमें ईश्वर सिंह महलावत बावल को रेवाड़ी जिला उप प्रधान, धर्मवीर गामड़िया को नाहड़ ब्लॉक प्रधान व प्रवक्ता कुलदीप सिंह बूढपुर को वरिष्ठ महासचिव नियुक्त किया गया।
भाकियू (चढूनी) के जिला प्रधान ने कहा कि रेवाड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा बिखर चुका है।
जिला में काम कर रहे चारों संगठनों में तालमेल की कमी है
तथा अन्य संगठनों के पदाधिकारी बैठकों में भी शामिल नहीं हो रहे हैं।

कुछ संगठन काम ही नहीं कर रहे हैं
तथा अंगुली कटा कर शहीदों की सूची में अपना नाम लिखवाना चाहते हैं।
काफी प्रयासों के बाद भी जब अन्य संगठन बैठक के लिए तैयार नहीं हुए
तो उन्हें मजबूरी में अपने ही संगठन की बैठक बुलानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि यदि यह लड़ाई जीतनी है तो एकजुट होकर लड़ना होगा।
इस अहम बैठक में जिला महिला प्रधान लक्ष्मीबाई लिसाना, बावल ब्लॉक प्रधान जगदीश गुर्जर, कोसली ब्लाक प्रधान सवाचंद नंबरदार,
रेवाड़ी ब्लाक प्रधान चुन्नीलाल, आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक कुलदीप शर्मा, उप-प्रधान कमल यादव,
कोसली विधानसभा प्रधान चंद्र प्रकाश आदि उपस्थित रहे।