Home news गुजरात में 7वीं बार भाजपा की सरकार, 12 दिसंबर को शपथग्रहण; हिमाचल...

गुजरात में 7वीं बार भाजपा की सरकार, 12 दिसंबर को शपथग्रहण; हिमाचल में BJP को झटका

1960 से गुजरात में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं लेकिन अब तक के चुनावी इतिहास में कांग्रेस का प्रदर्शन कभी इतना खराब नहीं रहा है. जहां बीजेपी राज्य की 182 में से 150 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं तो वहीं कांग्रेस सिर्फ 15 सीटों पर ही आगे दिख रही है. इससे पहले 1990 में कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन देखा गया था. तब पार्टी सिर्फ 33 सीटें जीतने में सफल हुई थी. इसके बाद कांग्रेस की सीटें कुछ हद तक बढ़ती गईं. 2002 में कांग्रेस को 50, जबकि 2007 में 59 सीटें मिली थीं. 2017 में पार्टी ने 77 सीटें जीती थीं और बीजेपी को कड़ी टक्कर भी दी थी. लेकिन इस बार कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

गुजरात में पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी इस बार अबतक की सबसे बड़ी जीत के भी रेकॉर्ड को ध्वस्त करने जा रही है। वह 158 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस बमुश्किल से दो अंकों में पहुंचती दिख रही। बीजेपी के इस करिश्मे के पीछे पीएम मोदी का बड़ा हाथ है। गुजरात में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है। भगवा पार्टी यहां 7वीं बार सरकार बनाने जा रही है। 12 दिसंबर को शपथग्रहण होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में बीजेपी अब तक की सबसे बड़ी जीत की ओर बढ़ चुकी है। कुल 182 सीटों में वह 156 पर आगे चल रही है। कांग्रेस 17 सीटों पर सिमटती दिख रही। वहीं, आम आदमी पार्टी सूबे में अपना खाता खोल सकती है। उसे 5 सीटों पर बढ़त है जबकि 4 पर अन्य आगे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बमुश्किल अपनी सत्ता बचा पाने वाली बीजेपी 5 साल बाद अभूतपूर्व कामयाबी कैसे हासिल कर ली? इसका जवाब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

गुजरात में इस बार बीजेपी सबसे बड़ी जीत का नया रेकॉर्ड बनाने जा रही है। 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में कांग्रेस ने 149 सीटें हासिल की थी। वह सूबे में किसी भी पार्टी का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था लेकिन इस बार बीजेपी की कुछ ऐसी लहर चली कि सोलंकी का रेकॉर्ड भी ध्वस्त होने को है। इस बार राज्य में जितने भी वोट पड़े उनमें से आधे से ज्यादा बीजेपी के पक्ष में गए। वोटशेयर 52 प्रतिशत से भी ज्यादा। गुजरात हमेशा से बीजेपी की राजनीतिक प्रयोगशाला रही है। पीएम मोदी ने 2021 में पहले तो कैबिनेट फेरबदल के जरिए पाटीदारों की नाराजगी दूर करने और सौराष्ट्र को साधने की कोशिश की।

आम आदमी पार्टी की गुजरात में दस्तक के साथ बीजेपी सतर्क हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मुफ्त की रेवड़ी’ कल्चर पर तीखा हमला करते हुए आम आदमी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया। बीजेपी पूरी तरह आम आदमी पार्टी पर हमलावर रही। दूसरी तरफ, पीएम मोदी ने चुनाव से पहले गुजरात को हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की सौगात की। ताबड़तोड़ शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम हुए। बीजेपी ने ‘गुजरात के विकास मॉडल’ को शो केस किया। फॉक्सकॉन-वेदांता ने सेमीकंडक्टर चिप बनाने के 20 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट के लिए गुजरात को चुना। इंडियन एयरफोर्स के लिए परिवहन विमान सी-295 को भारत में बनाने के लिए टाटा-एयरबस ने गुजरात को चुना। इन सबसे गुजरात के ‘विकास मॉडल’ को और मजबूती मिली। ये संदेश गया कि निवेश के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच गुजरात पहली पसंद है।

गुजरात में 17 महीने के अपवाद को छोड़ दें तो पिछले 27 सालों से लगातार बीजेपी की सरकार है जो अब कम से कम अगले 5 सालों तक और रहने वाली है। 1995 में पहली बार केशुभाई पटेल के नेतृत्व में गुजरात में बीजेपी की सरकार बनी। उसके बाद से बीच के 17 महीने को छोड़ दें तो अबतक लगातार सूबे में भगवा परचम ही लहरा रहा है।

Exit mobile version