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‘पटेल जिंदा होते तो स्टैच्यू के लिए तोड़फोड़ देख रो पड़ते’- मोदी को गांववालों का मैसेज

कल यानी 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहाँ गुजरात के अहमदाबाद में दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण करेगे। जिसका मोदी पूरे देश भर में प्रचार – प्रसार कर रहे हैं। तो वही अब ख़बर यह भी आ रही है, कि कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें इस मूर्ति को लेकर आपत्ति है। जिसमें अहमदाबाद के कुल 22 गांव के लोगों ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को लेकर पीएम मोदी को ओपन लेटर लिखा है।
बता दें कि, सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने के लिए सरदार सरोवर डैम पर बहुत तोड़फोड़ की गई है, जिसके चलते गांव वालों में खासी नाराज़गी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरदार पटेल जिंदा होते तो इस मूर्ति के लिए की गई तोड़फोड़ को देखकर रो पड़ते। लोगों ने वाकायदा इस बात को एक चिठ्ठी लिखकर कहा है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी का स्वागत नहीं करने की भी बात कही है। 'पटेल जिंदा होते तो स्टैच्यू के लिए तोड़फोड़ देख रो पड़ते'- मोदी को गांववालों का मैसेजइसके अलावा गांव के लोगों का कहना है कि आम आदमी कितनी मेहनत करके पैसा कमाता है जिसके बाद टैक्स चुकाता है। इस पैसे को सरकार मूर्ति बनाने जैसे काम में बहा देती है। जबकि,अहमदाबाद के कई गांवों में अभी बुनियादी सुविधाएं ही नहीं पहुंची हैं। ऐसे में क्या सरकार को मूर्ति के बजाय गांव की बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने के पानी, अस्पताल, स्कूल बनाने पर पैसे नहीं खर्च करने चाहिए थे?

वही सरकार ने सरदार पटेल की मूर्ति के लिए सरकार ने 2989 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसको बनाने के लिए करीब 2500 मजदूरों और 200 इंजीनियरों ने शिरकत की है। इसमें ज्यादातर चीनी मजदूर और एक्सपर्ट शामिल हैं। इस मूर्ति के अनावरण के मौके पर कई खास अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी शामिल होने का न्यौता भेजा गया था।

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