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संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन रहा विफल, दोनों सदनों में हुआ हंगामा

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू हुआ था। 8 जनवरी तक चलने वाले 29 दिन के इस सत्र में 20 बैठकें होनी है। लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामे की वजह से दोनों सदन की कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष की ओर से राफेल विमान सौदे,  आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग और तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसानों की सुरक्षा, RBI, जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है।

लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में सीलिंग पर चर्चा की मांग की  लोकसभा में शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल ने राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन सरकार मंदिर निर्माण के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि अडवाणी जी ने रथ यात्रा निकाली थी। अटलजी सरकार में कई पार्टियां का गठबंधन होने की वजह से भी मंदिर निर्माण नहीं हो सका, लेकिन अब तो बहुमत से बीजेपी की सरकार है। आंनदराव ने इसके लिए कानून लाने की मांग भी की।

सांसदों के हंगामे को देखते हुए स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में उपसभापति वेंकैयानायडू ने हंगामा कर रहे सांसदों से कहा कि कम से कम आज के दिन सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने दें, क्योंकि आज के दिन ही संसद पर हुए हमले में 9 लोगों ने हमें बचाने के लिए अपने जीवन का योगदान दिया था। अपील बेअसर होते देख सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। आज संसद के दोनों सदनों में 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सभी सांसदों ने मौन रखकर शहीदों के प्रति अपनी संवेदानाएं प्रकट की।


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