मार्कण्डेय मुनि द्वारा वर्णित “महामृत्युंजय स्तोत्र” मृत्युंजय पंचांग में प्रसिद्ध है और यह मृत्यु के भय को मिटाने वाला स्तोत्र है। श्री मृत्युंजय स्तोत्र महर्षि मार्कण्डेय द्वारा भगवान (शिव) की स्तुति में रचा गया है।
उनके द्वारा की गई शिव स्तुति को महा मृत्युंजय स्तोत्र के नाम से जाना जाता है | स्तोत्र की पंक्तियाँ पढ़ने सुनने से ही आत्म विश्वास पैदा होता है – इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से भक्त के मन में भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास हो जाता है कि वह भगवान “रुद्र” का आश्रय ले लिया है और यमराज भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा।
मार्कण्डेय ऋषि द्वारा की गई अद्भुत शिव स्तुति – महा मृत्युंजय स्तोत्र !
ॐ अस्य श्री सदाशिवस्तोत्र मन्त्रस्य मार्कंडेय ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः श्री साम्ब सदाशिवो देवता गौरी शक्ति: मम सर्वारिष्ट निवृत्ति पूर्वक शरीरारोग्य सिद्धयर्थे मृत्युंज्यप्रीत्यर्थे च पाठे विनियोग:॥