शिव रुद्राष्टकम के पाठ से पल भर में कर देंगे शिव शत्रुओं का नाश, जो मनुष्य इस स्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं, उन पर शम्भु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। हमेशा स्नान करने के बाद ही रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ करें। ये पाठ पढ़ने से पहले शिव जी की पूजा करें और उसके बाद इस पाठ को पढ़ना शुरू करें। आप इस पाठ को मंदिर में या फिर घर में पढ़ सकते हैं।
श्रद्धापूर्वक की गई थोड़ी सी प्रार्थना से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शिवजी। इसी कारण महादेव ‘आशुतोष’ भी कहलाते हैं। श्रीरामचरितमानस में लिखित ‘शिव रुद्राष्टकम’अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। अगर कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो किसी प्राचीन शिवालय या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम ‘रुद्राष्टकम’ स्तुति का पाठ करने से शिवजी भयंकर से भयंकर शत्रुओं का नाश पल भर में करके सदैव अपने शरणागत की रक्षा करते हैं।
शिव को समर्पित यह स्तोत्र तुलसीदास की रामचरितमानस से लिया गया है।
॥ अथ रुद्राष्टकम् ॥