अन्नपूर्णा देवी की आरती

21

श्री अन्नपूर्णा देवी जी

 

श्री अन्नपूर्णा देवी जी की आरती कीजै 
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अमिबके,

कहां उसे विश्राम |

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,

लेत होत सब काम ||

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,

कालान्तर तक नाम |

सुर सुरों की रचना करती,

कहाँ कृष्ण कहं राम ||

चूमहि चरण चतुर चतुरानन,

चारू चक्रधर श्याम |

चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,

शोभा लखहि ललाम ||

देवी देव | दयनीय दशा में,

दया दया तब जाम |

त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,

शरणरूप तब धाम ||

श्री ह्रीं श्रद्धा भी ऐ विधा,

श्री कलीं कमला काम |

कानित भ्रांतिमयी कांतिशांति,

सयीवर दे तू निष्काम ||