लखीमपुर खीरी में सियासत करने वालों पर जमकर बरसे योगी आदित्यनाथ, कहा लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वाले तालिबान के समर्थक

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गोरखपुर में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दौरे के दूसरे दिन योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। जिसमें लखीमपुर खीरी की घटना पर राजनीतिक जमावड़ा लगा रहे कांग्रेस के राहुल गांधी,प्रियंका गांधी, सपा के अखिलेश यादव,बसपा की मायावती सहित अन्य विपक्षी पार्टियों और नेताओं को सीएम योगी ने जमकर लताड़ा। कहा कि लखीमपुर हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन जिस तरह से वहां जाने के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं की होड़ लगी है, उससे साफ है कि सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह दिखावा है। जनता से हमदर्दी दिखाने वालों को कोरोना काल में कभी एक बार जनता की सेवा के लिए भी जाना चाहिए था।

लखीमपुर विपक्ष के लिए एक बहाना, पर नहीं गलेगी दाल

सीएम ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता होती है शांति और सौहार्द बनाना, सरकार ने वही किया। लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए।योगी ने कहा कि देश के अंदर लखीमपुर मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले कोई सद्भावना के दूत नहीं हैं, ये वही लोग हैं जो काबुल में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के नेताओं को लगा कि लखीमपुर एक बहाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा।

कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोई क्यों नहीं गया ?  

योगी ने कहा कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के कर्वधा में जो हुआ, क्या इनमें से कोई वहां गया ? जिन लोगों को पुलिस ने गोलियों से भूना, क्या कोई उनसे मिलने गया?

अखिलेश पर भी साधा निशाना

अखिलेश यादव पर तंज करते हुए योगी ने कहा कि, उन्हें पढ़ने-लिखने की फुर्सत कहां है, वो तो बड़े बाप के बड़े बेटे हैं। स्वाभाविक रूप से उनकी जिंदगी है और उनकी अपनी कार्य पद्धति है। देश और दुनिया से उन्हें क्या मतलब है?

हिंदु-सिक्ख को आपस में लड़ाने वालों के लिए कश्मीर का आईना

उन्होंने कहा कि ओवैसी अगर कश्मीर में निशाना बन रहे हिंदुओं और सिक्खों के प्रति भी सहानुभूति व्यक्त कर देते, तो लोग उनको नेता मान लेते। जो लोग लखीमपुर में हिन्दुओं और सिक्खों को आपस में लड़ाना चाह रहे हैं, उनको कश्मीर का आईना दिखाना चाहिए।

प्रदेश में अराजकता फैलाने की मंशा रखने वालों को दी नसीहत

सीएम ने कहा कि कोई अगर इस गलतफहमी में है कि उत्तर प्रदेश के अंदर वो घेराबंदी करके आम जनजीवन को ठप कर देंगे, या निर्दोष लोगों पर हमला करेंगे, तो वो लोग भी तैयार हो जाएं, हम तो तैयार ही हैं।

ब्राह्मण सम्मेलन करने वाले क्यों नहीं गए पीड़ित ब्राह्मणों के घर  

सीएम ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस सभी ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं, लेकिन लखीमपुर में दो ब्राह्मण भी मारे गए, क्या इनमें से कोई नेता उन पीड़ित ब्राह्मणों के घर गया ? कन्नौज के नीरज मिश्रा की हत्या हुई, क्या संतोष शुक्ला ब्राह्मण नहीं थे? कभी उनके घर गए? मैं नोएडा भी गया और बिजनौर भी।

मिथक को तोड़ने के लिए राजनीति में आए हैं

दोनों के बारे में कहा जाता था, जो सीएम वहां जाता है वो दोबारा सत्ता में लौटकर नहीं आता। हम लोग इसी मिथक को तोड़ने के लिए राजनीति में आए हैं। हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में दोबारा आएगी।