घुटने टेकने को क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान ?

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गीदड़ की तरह हमला और सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ कराने वाला पाकिस्तान अमेरिका के सामने नतमस्तक हो रखा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत से वार्ता के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। शाह महमूद अमेरिका से चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू कराने में वह अहम भूमिका अदा करे। इतना ही नहीं, कुरैशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि वार्ता बहाल न होने से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति और बढ़ सकती है।

बता दें कि सीमा पर तनाव और आतंक को बढ़ावा देने के कारण दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच काफी वक्त से संवाद थप पड़ा है। इस बीच कुरैशी ने बुधवार को वॉशिंगटन में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है। इससे एक दिन पहले उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, कुरैशी ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मुहैया कराए जाने वाले धन से चलने वाले शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में एक सवाल के जवाब में कहा, ”जब हमने अमेरिका से वार्ता में भूमिका निभाने के लिए कहा, तो हमने क्यों कहा? सिर्फ इसलिए कि हमारे बीच द्विपक्षीय वार्ता बंद है। हम सीमा के पश्चिमी ओर ध्यान लगाना, आगे बढ़ना चाहते हैं जो हम कर नहीं पा रहे हैं क्योंकि हमें पूर्वी ओर (भारत के साथ सीमा पर) मुड़कर देखना होता है। यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अब क्या आप (अमेरिका) मदद कर सकते हैं? उनका जवाब ना था। वे द्विपक्षीय संवाद चाहते हैं लेकिन कोई द्विपक्षीय गतिविधि नहीं है। उन्होंने आगाह किया कि इससे दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।