उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 की वापसी के बाद ही अपराधियों में खौफ दिखने लगा है। इतना ही नहीं यह खौफ 10 मार्च को चुनाव के नतीजों के साथ ही शुरू हो गया था। इसका असर यह हुआ कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के 10 मार्च को सत्ता में वापस आने के 15 दिन के अंदर कम से कम 50 अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अपराधी गले में तख्तियों के साथ थानों में पहुंचे, जिस पर एक संदेश लिखा हुआ था- मैं आत्मसमर्पण कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाएं।
इसकी शुरुआत अपहरण और जबरन वसूली का आरोपी फरार गौतम सिंह से हुई। उसने 15 मार्च को गोंडा जिले के छपिया थाने में सरेंडर कर दिया। और तीन दिन के अंदर ही सहारनपुर के चिलकाना थाने में 23 अपराधियों ने अपराध को अलविदा कहा। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी चार शराब तस्करों ने एक हलफनामे के साथ देवबंद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वे फिर से अपराध नहीं करेंगे।
#SPGonda @IPS_SantoshM द्वारा की जा रही ताबड़-तोड़ कार्यवाही से अपराधियों में खौफ, गल्ला व्यवसायी अपहरण कांड के 25000 के इनामिया अभियुक्त ने थाना छपिया में आकर किया आत्मसमर्पण-#ActionAgainstCriminals pic.twitter.com/YwHninYeWk
— Gonda Police (@gondapolice) March 15, 2022
इसके बाद शामली जिले में आत्मसमर्पण करने का सिलसिला तेजी से शुरू हो गया।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि 50 अपराधियों ने न केवल आत्मसमर्पण किया है, बल्कि अपराध छोड़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान दो अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया और 10 अन्य को गिरफ्तार किया गया है।