स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘ओपन डाटा वीक’ का किया शुभारंभ

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स्मार्ट सिटी ओपन डाटा पोर्टल पर उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों तथा डाटा ब्लॉग का प्रकाशन करने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों की आयोजन में भागीदारी रहेगी। 

देशभर की शहरी इको-सिस्टम में मुक्त आंकड़ों को अपनाने तथा नवोन्मेष को प्रोत्साहन देने के लिये आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने आज ‘ओपन डाटा वीक’ (मुक्त सूचना-सामग्री सप्ताह) को आरंभ करने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में ‘आजादी का अमृत महोत्सव – स्मार्ट सिटीज़ः स्मार्ट  ऑर्गेनाइजेशन’ ’ संगोष्ठी का आयोजन सूरत में फरवरी 2022 में होगा। ‘ओपन डाटा वीक’ उन कार्यक्रम-पूर्व गतिविधियों का अंग है, जिन्हें आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने शुरू किया है, ताकि मुक्त आंकड़ों के प्रति जागरूकता तथा उनके इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा सके। इसका आयोजन जनवरी के तीसरे सप्ताह, यानी 17 जनवरी, 2022 से 21 जनवरी, 2022 तक होगा।

स्मार्ट सिटी ओपन डाटा पोर्टल पर उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों तथा डाटा ब्लॉग का प्रकाशन करने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों की आयोजन में भागीदारी होगी। इस समय विभिन्न हितधारकों के लिये 3,800 से अधिक डाटासेट और 60 से अधिक डाटा विवरण उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से वे आंकड़ों का विश्लेषण कर सकें तथा उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई करने का रास्ता निकाल सकें।

कार्यक्रम का उद्देश्य है कि मुक्त आंकड़ों के लाभों से परिचित कराया जाये कि वे किस तरह प्रभावकारिता और पारदर्शिता के आधार पर नवोन्मेष तथा आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं। इसे दो खंडों में बांटा गया है – पहला, 17 जनवरी, 2022 से 20 जनवरी, 2022 तक स्मार्ट सिटीज़ ओपन पोर्टल पर डाटासेटों को अपलोड करना, उनका खाका प्रस्तुत करना, एपीआई और डाटा ब्लॉग्स को पेश करना तथा दूसरा, 21 जनवरी, 2022 को सभी स्मार्ट शहरों द्वारा ‘डाटा-डे’ (सूचना-सामग्री दिवस) मनाना।

निजी क्षेत्र के उद्यम, वैज्ञानिक और अकादमिक संस्थायें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्टार्ट-अप्स, सिविल सोसायटी आदि शामिल

‘डाटा-डे’ (सूचना-सामग्री दिवस) देशभर के सभी स्मार्ट शहरों में मनाया जायेगा। इन आयोजनों में शहरों द्वारा चिह्नित विभिन्न आंकड़ों के बारे में संवाद, संगोष्ठी, हैकेथॉन, प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी होगा। इस दिवस पर विभिन्न पृष्ठभूमि वाले लोगों की भागीदारी होगी, जिनमें सरकारी एजेंसियां, निजी क्षेत्र के उद्यम, वैज्ञानिक और अकादमिक संस्थायें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्टार्ट-अप्स, सिविल सोसायटी आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य,एक ऐसा मंच उपलब्ध करने की है, जहां इस बात के पर्याप्त अवसर मिल सकें कि किस तरह आंकड़ों के सृजन को कायम रखा जा सकता है और कैसे उनके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकता है,ताकि मौजूदा कोविड-19 महामारी जैसे जटिल शहरी मुद्दों का समाधान हो सके।

आयोजन को आंकड़ों के इस्तेमाल और उनके प्रति जागरूकता फैलाने के लिये तैयार किया गया है। लोगों और संगठनों के तमाम ऐसे समूह हैं, जो बेहतर आंकड़ों की उपलब्धता से फायदा उठा सकते हैं। आंकड़ों के नये समुच्चय से नया ज्ञान और नई दृष्टि बनेगी, जिससे आंकड़ों की उपयोगिता के नये स्वरूप सामने आयेंगे। इससे सरकार को भी मदद मिलेगी कि वह किसी भी शहर के नागरिकों की आम समस्याओं का समाधान कर सके तथा वहां के सफल तरीकों को अन्य शहरों में इस्तेमाल कर सके।

कार्यक्रम के लिये 100 स्मार्ट शहर बिलकुल तैयार हैं और इस आयोजन को भारतीय शहरों को ‘डाटा स्मार्ट’ बनाने के लिये सामूहिक प्रयास कर रहे हैं। यह पोर्टल https://smartcities.data.gov.in/ पर उपलब्ध है।