दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, वही दूसरी तरफ सरकार इसके नियंत्रण में लगातार विफल साबित हो रही है। दिल्ली में प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति पर पहुंच चुकी है। जहाँ साँस लेना भी मुश्किल हो गया है।
वही प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने मंगलवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। दिल्ली की आप सरकार पर ये जुर्माना दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली एनसीआर का एयर इंडेक्स खराब श्रेणी में रहा। ग्रेप लागू होने से बदरपुर थर्मल पावर प्लांट तो 14 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया, लेकिन जनरेटर सेट हर जगह चलते दिखे। इसकी वजह यह भी रही कि डीपीसीसी ने ग्रेप के तहत इसका कोई नोटिस तक नहीं निकाला। विभिन्न स्थानों पर धुआं छोड़ते वाहन भी चलते नजर आए, लेकिन यातायात पुलिसकर्मियों ने उनका चालान नहीं किया।
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा कि ग्रेप में प्रदूषण की हर स्थिति के अनुसार मानक तय हैं। उन्हें लागू करना राज्य सरकार और स्थानीय निकायों का काम है। अगर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं, तो यह उनकी लापरवाही है। वहीं, डीपीसीसी के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को नोटिस जारी कर दिया जाएगा। ग्रेप के क्रियान्वयन को लेकर भी दिशा- निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब अपनी 41 टीमों की पूरी सर्वे रिपोर्ट ईपीसीए को देगा। दूसरी तरफ मौसम विभाग द्वारा अगले तीन दिन के लिए जारी होने वाले पूर्वानुमान में आनंद विहार, दारका या शादीपुर इत्यादि अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी कि वहां कैसा प्रदूषण रहने वाला है। इस रिपोर्ट व पूर्वानुमान के आधार पर ही वहां का एक्शन प्लान बनाया जाएगा।