दिल्ली सीलिंग मामले में मनोज तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांसद होते हुए जो तिवारी ने किया वो सही नहीं। भाजपा चाहे तो कार्रवाई कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि मनोज तिवारी ने अपने हाथ में कानून लिया। इसमें कोई संदेह नहीं कि मनोज तिवारी ने सीलिंग तोडकर कानून हाथ में लिया। एक प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अपने हाथों में कानून लेने के बजाय जिम्मेदारी से काम करना चाहिए था।
शिकायत के साथ पेन ड्राइव में सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो फुटेज को भी सुबूत के तौर पर दिया गया है। निगम अधिकारी ने पुलिस से मांग की है कि सील तोड़ने के दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाए।