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एक मां ही जब रेप करना अपराध नहीं गलती कहेगी, तो ये समाज किस दिशा में आगे बढ़ेगा

एक मां ही जब रेप करना अपराध नहीं गलती कहेगी, तो ये समाज किस दिशा में आगे बढ़ेगा

‘Justice delayed is Justice denied’ ये बहुत पुरानी और महशूर लाइन्स है। इस लाइन का मतलब है कि देर से मिला न्याय भी अन्याय कहलाता है। अगर हमारे साथ कुछ गलत होता है तो हमें भरोसा होता है कि पुलिस हमारी मदद करेगी, अगर पुलिस न्याय नहीं करेगी तो कोर्ट जरुर न्याय करेगा। सुप्रीम, हाईकोर्ट में केस ज्यादा और जज कम होने के कारण अकसर केस पेंडिंग रहते हैं। हमने ऐसे भी कई मामले देखें हैं जब पुलिस-कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद में पीड़ित या पीड़िता अपनी जान गवा बैठते हैं या कई मामलों में आरोपियों द्वारा पीड़ित की जान ले ली जाती है ताकि ना वे जिन्दा रहे और ना पीड़ित के लिए न्याय-सजा के तराजू का कोई मतलब बचे।

ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से सामने आया है जहां एक महीने पहले एक नाबालिग लड़की के साथ उसके ही गांव में रहने वाले एक लड़के ने दुष्कर्म किया, जिसकी एफआईआर पीड़िता और उसके परिजनों ने दर्ज करवाई। FIR के बावजूद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं की। जेल से बाहर होने के कारण आरोपी मोनू शर्मा लगातार पीड़िता पर केस वापस लेना का दवाब डालने लगा, और अंत में जब वह (पीड़िता) नहीं मानी तो इस दरिंदे ने पीड़िता की हत्या करकर उसे पेड़ से लटका किया।

गलती और अपराध में बहुत ज्यादा अंतर होता है, पर अब भी हमारे देश या कहे दुनिया में ऐसे मां-बाप मिल जाएंगें जिन्हें अपने बेटों द्वारा किया पाप या अपराध भी गलती लगता हो। जरा सोचिए, कैसे और कितनी आसानी से कोई मां, बाप या रेप के आरोपी लड़के के परिजन रेप करना अपराध नहीं एक गलती कह देते हैं। हर मां को अपने बच्चों से प्यार होता है, पर जब मां और परिजन ही लड़कों को गलती या अपराध का फर्क नहीं समझाएंंगें तो ऐसे मां-बाप और बच्चों के लिए तो कहने के लिए हमारे पास कोई शब्द ही नहीं हैं।

पीड़िता एक महीने पहले जब समय पर घर नहीं पहुंची तो पीड़िता के मां-पिता परेशान हुए और पीड़िता को ढूंढने लगे। जब मां-बाप पीड़िता को ढूंढ रहे थे तो उन्हें अपनी बेटी का शव एक पेड़ से लटका मिला। मृतक पीड़िता के परिजनों ने दुष्कर्म आरोपी पर उनकी बेटी की हत्या कर पेड़ पर लटकाने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि आरोपी काफी समय से उनपर और उनकी बेटी पर केस वापस लेने का दवाब डाल रहा था। परिजनों ने आरोपी के साथ-साथ आरोपी की भाई सोनू और मां विमला पर भी हत्या का आरोप लगाया है।

दुष्कर्म को काफी समय और पीड़िता की हत्या को एक महीने होने के बाद भी जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो पीड़ित के मां-बाप ने एसपी से शिकायत की तो उन्होंने ये केस एएसपी को सौंप दिया। साथ ही शिकायत के बाद कार्रवाई ना करने के कारण आदमपुर के थाना प्रभारी सतीश कुमार आर्या, सिपाही राहुल कुमार, सुमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, पर आरोपी समेत उसके भाई औऱ मां के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

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