वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अगर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का रास्ता राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की तरफ जाता है तो यह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की पूरी तरह से जीत होगी। उन्होंने कहा कि सीएए की वजह से देश की अवधारणा को लेकर जिन्ना के विचार भारत में पहले ही जीत रहे हैं लेकिन अब भी विकल्प उपलब्ध है। थरूर ने रविवार को जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) से इतर कहा,
मैं यह नहीं कहूंगा कि जिन्ना जीत चुके हैं, बल्कि यह कहूंगा कि जिन्ना जीत रहे हैं। अब भी देश के पास जिन्ना और गांधी के देश के विचार में से किसी एक को चुनने का विकल्प है। देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच सीएए दिसंबर में लागू हो गया। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि सीएए में किसी भी धर्म को राष्ट्रीयता का आधार बनाने का जिन्ना का तर्क अपनाया गया है,
संदिग्ध नागरिकता’ शब्दावली का इस्तेमाल एनपीआर में है और यह पूरी तरह से भाजपा की खोज है। उन्होंने कहा कि अगर देश में उस कर्मचारी की तरह घूमें जो सभी नागरिकों का साक्षात्कार करता है या ‘संदिग्ध नागरिकता’ वाले लोगों की पहचान करता है तो इसके लिए आश्वस्त रहना चाहिए कि कौन से भारतीय ‘संदिग्ध नागरिकता’ के दायरे में आने जा रहे हैं। थरूर ने कहा, सैद्धांतिक तौर पर सिर्फ एक ही समुदाय होगा जो सीएए में नहीं है और अगर ऐसा होता है तो यह वास्तव में जिन्ना की जीत है।