चालू सत्र में किसानों को धान के एमएसपी के रूप में मिल चुके लगभग 11099.25 करोड़ रुपए, खरीद अभी भी जारी

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नए कृषि कानून पेश किए जाने के बाद से ही इसके जरिए एमएसपी खत्म हो जाने की बात विपक्ष और किसान नेता करते रहे हैं। लेकिन किसानों का यह डर उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय  से प्राप्त हुए इस खबर से पूरी तरह से दूर हो सकता है।
जिसमें यह बताया गया है कि खरीफ विपणन सत्र 2021-22 में दिनांक 17 अक्टूबर 2021 तक 56.62 एलएमटी से अधिक धान किसानों से एमएसपी के रेट पर खरीदा गया है। जिसके तहत किसानों को उनके धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूपPMm में लगभग 11099.25 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
मंत्रालय  ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2021-22 हाल ही में शुरू हुआ था और अभी तक इससे 371919 किसान 11,099.25 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य प्राप्त कर लाभ उठा चुके हैं। अभी एमएसपी पर होने वाली यह चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में धान की खरीद जारी है।
किसान लगभग दस महीने से तीन कृषि कानून के विरोध आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि नया कृषि कानून किसान विरोधी है। किसान आंदोलन में शामिल नेताओं की तरफ से एक दलील यह भी दी जाती है कि नए कृषि कानून के बहाने सरकार एमएसपी को रद्द करना चाहती है।
जबकि सरकार शुरू से ही इस बात का भरोसा किसानों को दिला रही है कि नए कृषि कानून के अंदर एमएसपी को रद्द किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इस सत्र में धान की एमएसपी पर की गई यह रिकॉर्ड खरीद इस बात का सबूत है। लेकिन फिर भी विपक्ष और किसान नेता आम जनता को बरगलाकर दस महीने से अधिक समय से आंदोलन को जारी रखे हुए हैं।