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भारत में कोरोना वायरस के मामले 8,000 से ज्यादा बढ़े, पिछले 24 घंटे में 34 की मौत

कोरोना वायरस या COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए मोदी सरकार ने देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉक डाउन कर दिया था। देश में सख्ती से इसका पालन करवाया जा रहा है, इसके बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में 8,356 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 273 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पिछले 24 घंटों में 909 नए मामले सामने आए, जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कम से कम 13 मुख्यमंत्रियों के साथ चार घंटे की बैठक की। बताया जा रहा है कि ताजा आंकड़ों को देखते हुए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को दो सप्ताह तक बढ़ाया जाएगा। इस बीच भारत के लिए अच्छी खबर यह आ रही है कि भारत में मौजूद कोरोना वायरस का म्यूटेशन नहीं हुआ है। यानी उसका रूप नहीं बदला है,

जिसकी वजह से उसके भारत में जल्दी खत्म होने की संभावना है। उधर, अमेरिका और इटली में कोरोना वायरस का रूप बदल गया है। विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि स्वदेश लौटने वाले प्रवासी कोरोना वायरस को अप्रभावित राज्यों और गांवों में ले जाने वाले वेक्टर बन सकते हैं। भारत में प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि कई बाहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामले होने की आशंका है।

विश्व बैंक ने अपनी क्षेत्रीय रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण एशिया दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में से एक है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, और यह कि घरेलू कोरोना वायरस संचरण को रोकना इस क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है। इसकी वजह से यह संक्रामक बीमारी का फैला आसान हो जाता है,

विशेष रूप से झुग्गी बस्तियों और प्रवासी श्रमिकों में सबसे कमजोर लोगों को यह वायरस आसानी से शिकार बनाता है। विश्व बैंक ने अपनी “साउथ एशिया इकोनॉमिक अपडेट: इंपैक्ट ऑफ कोविद-19” रिपोर्ट रविवार को जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि प्रवासी श्रमिकों का प्रवाह आसानी से कोरोना वायरस को दूसरे राज्यों और गांवों में पहुंचा सकता है।

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