दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” बन गई है और वही यह दुनिया के अजूबों में भी शुमार होने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं।
साथ ही दो हजार मैट्रिक टन ब्रॉन्ज लगाया गया है। इसके अलावा 5700 मैट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मैट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स भी इस्तेमाल किया गया है। यह मूर्ति 22500 मिलियन टन सीमेंट से बनी है। मूर्ति को बनाने में 800 स्थानीय और 200 चीन से आए कारीगरों ने भी काम किया।
मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 में लार्सेन एंड टर्बो कंपनी को ठेका दिया गया था। माना जा रहा है कि इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस काम को तय समय में अंजाम तक पहुंचाने के लिए 4076 मजदूरों ने दो शिफ्टों में काम किया।
इस खर्च में 2332 करोड़ रुपये प्रतिमा के निर्माण के लिए और 600 करोड़ रुपये 15 साल तक इसके रखरखाव के लिए हैं।