उज्बेकिस्तान ने अपने देश में शूटिंग के लिए भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए रेड कारपेट बिछाया

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उज्बेकिस्तान ने अपने देश में फिल्में बनाने के लिए भारतीय फिल्म निर्माताओं के साथ सहयोग करने की इच्छा जाहिर की है। मध्य एशियाई गणराज्य अपने देश में शूटिंग के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय भाषा फिल्म उद्योग से संबंधित फिल्म उद्योग के हितधारकों की मेजबानी करने का इच्छुक है। हां, भारतीय फिल्म निर्माताओं को देश की मस्जिदों, मकबरों और अन्य स्थलों सहित वास्तुकला, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का लाभ उठाकर, इसकी फिल्मों के विस्तार, गहराई और समृद्धि को बढ़ाने के लिए यह स्नेहपूर्ण निमंत्रण मिला है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 53वें संस्करण के दौरान आज गोवा में आयोजित इफ्फी टेबल वार्ता में उज्बेकिस्तान की सिनेमैटोग्राफी एजेंसी के महानिदेशक की सलाहकार डॉ. बरनो उनगबोएवा ने यह निमंत्रण दिया है। उनके साथ उज्बेकिस्तान के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक खिलाल नसीमोव और लज़ीज़बक टेमीरोव और निर्माता अताबेक खोदजीव भी थे।

“हम चाहते हैं कि भारत-उज्बेकिस्तान की दोस्ती हमेशा की तरह मजबूत रहे”

बरनो उनगबोएवा ने कहा, “हमारे पास कई बॉलीवुड फिल्में हैं जिन्हें ताशकंद फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। हमने भारत में तमिल, तेलुगु और बंगाली फिल्म उद्योग जैसे अन्य भारतीय फिल्म उद्योगों तक भी अपनी पहुंच बढ़ाई है।”

उन्होंने बताया कि ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 5 दिवसीय फिल्म निर्माण प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल के छात्रों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया, “हमने फिल्म समारोह के अगले संस्करण में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना को अपनी फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया है और वे इसके लिए सहमत हो गए हैं।”

उज्बेकिस्तान के निर्देशक खिलाल नसीमोव ने बताया कि उनके देश में बॉलीवुड फिल्में और हिंदी फिल्म-गीत बहुत लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, “हम भारतीय संगीत सुनते और भारतीय फिल्में देखते हुए बड़े हुए हैं, जिनमें राज कपूर, हेमा मालिनी और शाहरुख खान सहित कई कलाकारों की फिल्में शामिल हैं। हम उन सभी से प्यार करते हैं। वे हमारे जीवन का एक अति-भावनात्मक हिस्सा हैं।”

फिल्म निर्माता अताबेक खोदजीव ने भारतीय फिल्म निर्माताओं को उज़्बेकिस्तान के फिल्म संस्थान का दौरा करने और अपने देश में फिल्म-शूटिंग के लिए सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत-उज़्बेकिस्तान की दोस्ती हमेशा की तरह मज़बूत बनी रहे।”

एनएफडीसी के एमडी रवींद्र भाकर के नेतृत्व में भारत का एक फिल्म प्रतिनिधिमंडल इस साल 14वे ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गया हुआ था। सहयोग और सह-निर्माण के लिए उज़्बेकिस्तान के साथ नई पहलों पर हस्ताक्षर किए गए।