दशहरे पर मां आदिशक्ति की पूजा से दूर हो जाती है दरिद्रता और सभी कष्ट, कीजिए दर्शन

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दशहरे पर मां आदिशक्ति की पूजा से दूर हो जाती है दरिद्रता और सभी कष्ट, कीजिए दर्शन

कालकाजी- दिल्ली में स्थित कालकाजी माता मंदिर मां आदिशक्ति के काली रुप को समर्पित है। श्री कालकाजी मंदिर को जयंती पीठ और मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विजयदशमी यानी दशहरे पर मां आदिशक्ति की आराधना से दुख, कष्ट, दरिद्रता और सभी शारीरिक रोग दूर हो जाते हैं। कालकाजी मंदिर भी मां आदिशक्ति के शक्तिपीठों में से एक है जो दिल्ली के बीचो-बीच सूर्यकूट पहाड़ी पर स्थापित है। मां के इस शक्तिपीठ के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं।

माना जाता है कि पहाड़ी का इलाका होने के कारण पहले यहां गाय और दूसरे पशु चरने के लिए आया करते थे, पर एक गाय ऐसी भी थी जो हर रोज मां को अपने दूध से नहलाया करती थी। जब स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला तभी से इस स्थल को मां के धाम के रुप में जाना जाने लगा।

नवरात्रि, दशहरे और दिवाली पर तो मां कालकाजी या कहें मां आदिशक्ति के इस मंदिर को सुंदर कलरफुल लाइटिंग और फूलों से सजा दिया जाता है। नवरात्रि-दशहरे पर मां के इस धाम के दर्शन करने के लिए भक्तजन दूर-दूर से आते हैं। इस नवरात्रि में तो मां के इस धाम पर दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें दिखीं।

साथ ही आपको बता दें मां कालका जी के इसी मंदिर के बारे में एक धारणा और भी है, वह यह है कि यहां मां ने पांडवों को जीत का वरदान दिया था।

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