एनजीओ कलारा दे रहा कलाकारों को अपने उत्पाद एक्सपोर्ट करने की सुविधा, B2B प्लेटफॉर्म की खूबियां जानें

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  • 75000 से अधिक भारतीय कलाकारों के उद्योद 50 से ज्यादा देशों में भेज रहा है कलारा
  • कलारा-भारत का सबसे बड़े क्रॉस बॉर्डर बी2बी प्लेटफॉर्म

कलाकार हैं, अच्छी पेंटिंग्स, लकड़ी की नक्काशी और बर्तन, खिलौने जैसे गिफ्ट आइटम्स बनाते हैं और अपने उत्पादों को विदेशों में बेचकर डॉलर की कमाई चाहते हैं तो कलारा नाम आपकी किस्मत बदल सकता है। कलारा एक एनजीओ है जिसने एक ऐसा B2B (बिजनेस टू बिजनेस) प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिसके माध्यम से भारत के कलाकारों के उत्पाद यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत पूरी दुनिया के स्टोर्स तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की जा रही है।

एनजीओ कलारा दे रहा कलाकारों को अपने उत्पाद एक्सपोर्ट करने की सुविधा, B2B प्लेटफॉर्म की खूबियां जानें

उत्तर प्रदेश के कारीगर और कलाकारी वाले उत्पादों के कई विक्रेता पहले से ही अपने उत्पादों के लिए नए वैश्विक बाजारों और खरीदारों की खोज के लिए कलारा के साथ साझेदारी कर चुके हैं। कलारा प्लेटफॉर्म से उन्हें फायदा भी मिलना सुरु हो चुका है:-

• हाथ से की गई कारीगारी से नक्काशीदार लकड़ी की सजावट सहारनपुर से मॉरीशस भेजी गई
• संभल से बोन एंड हॉर्न जड़ने का काम दक्षिण अफ्रीका में संभावनाएं तलाश रहा है
• आगरा के हाथ से बने सोपस्टोन बर्नर यूके स्थित स्टोर्स में भेजे गए

ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाने के मकसद से कलारा ने 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2021 तक एशिया के सबसे बड़े उपहार और हस्तशिल्प मेले, आईएचजीएफ दिल्ली में कारीगरों और कारीगरों के उत्पादों के लिए विशे, मंच तैयार किया है।

कलारा पूरे भारत में दूर-दूर से होम डेकोर, होम टेक्सटाइल, फैशन एक्सेसरीज, खिलौने, किचन और डाइनिंग, गिफ्टिंग, आउटडोर, फर्नीचर और बहुत कुछ में 75,000+ कारीगर उत्पादों का प्रदर्शन करती है। प्लेटफॉर्म ने कई भारतीय कारीगर उत्पादों को दुनिया भर में बाजार खोजने में सक्षम बनाया है, जिसमें चिन्नामलाई से लॉस एंजिल्स तक हथकरघा से बुने हुए किचन टॉवल्स, बंगाल से हांगकांग तक सबाई घास के प्लेसमैट्स, मणिपुर के लोंगपी का कैनेडियन स्टोर्स तक और चन्नापटना के खिलौने सिंगापुर तक पहुंच रहे हैं।

इसके साथ ही सहारनपुर के हाथ से नक्काशीदार लकड़ी की सजावट उत्पादों को मॉरीशस, ओडिशा के हाथ से पेंट किए गए पट्टाचित्र सर्व-वेयर को लंदन में स्टोर में भेजा गया है। वहीं आगरा के हाथ से बने सोपस्टोन बर्नर को यूके में स्टोर्स में भेजा गया है और जयपुर के पारंपरिक आभूषणों को यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूएसए और अन्य देशों में भेजा गया है, जहां उन्हें काफी पसंद किया जा रहा है।

अपने प्लेटफॉर्म पर 600 से अधिक रजिस्टर्ड सूक्ष्म, लघु और बड़े निर्माताओं, कारीगरों, उत्पादकों और निर्यातकों के साथ, कलारा के पास 50+ देशों के हजारों पंजीकृत खरीदार हैं और इसने एक वर्ष से भी कम समय में 40+ देशों में बी2बी शिपमेंट वितरित किए हैं।

नए नए क्षेत्रों में उपभोक्ता मांग, उत्पाद और मूल्य निर्धारण के रुझान को समझने के लिए डेटा और टेक्नोलॉजी के संयोजन का उपयोग करते हुए, कलारा इसे उत्पादकों को वापस भेज रहा है ताकि भारतीय कारीगर उत्पादों की मांग और बिक्री को बढ़ाया जा सके।

देश के कलाकारों को अपनी कला विदेशों तक भेजने में मदद करने वाले इस कलारा स्पालई चेन को रिलायंस समूह द्वारा स्थापित एवं संरक्षण दिया जा रहा है। कलारा सप्लाई चेन, सोर्सिंग, उत्पाद विकास, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, डेटा साइंस और टेक्नोलॉजी में तालमेल का एकीकरण और लाभ उठा रही है। इसने एक अद्वितीय बी2बी क्रॉस-बॉर्डर टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म बनाया है, जिसमें मांग निर्माण, कस्माइजेशन सहित कई आपूर्ति मॉडल के साथ, हवा और समुद्री मार्गों, दोनों के माध्यम से हजारों उत्पादों और देश के संयोजन में एमओक्यू, कीमतों, लीड समय और जस्ट-इन-टाइम और अधिक, और कई वैश्विक भुगतान समाधान सहित आपूर्ति श्रृंखला आवश्यकताओं की गणना करने की क्षमता है।

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