चीन में बिजली संकट के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था खतरे में, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों पर भी मंडरा रहा खतरा

    चीन में बिजली संकट के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था खतरे में, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों पर भी मंडरा रहा खतरा

    चीन गहरे बिजली संकट के दौर से गुजर रहा है। बिजली कटौती के कारण दुनियाभर में 44% औद्योगिक गतिविधि प्रभावित हो रही है। लंबे समय तक China Power Crisis ग्लोबल इकोनामी के संकट में आने की ओर सकेंत दे सकता है। बिजली कटौती के लिए मजबूर चीन की औद्योगिक गतिविधियां लगातार प्रभावित हो रही हैं, साथ ही चीन के लोगों को भी बिजली कटौती के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चीन के बिजली संकट के कारण गोल्डमैन सैक्स बैंक ने अपने विकास पूर्वानुमान में कटौती की है। ऐसा करने वाला गोल्डमैन सैक्स पहला बैंक है। China Power Crisis के कारण Apple और अन्य बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों पर भी खतरा मंडरा रहा है। लंबे समय तक चीन Power Crisis के कारण भारत, अमेरिका आदि देशों में स्मार्ट फोन जैसे कई इलैक्ट्रोनिक्स की चीजों के स्टॉक में कमी देखने को मिल सकती है।

    चीन में बिजली संकट के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था खतरे में, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों पर भी मंडरा रहा खतरा

    चीन के अधिकतम बंदरगाह बंद पड़े हैं, जिसके कारण देश में कोयले की पूर्ति में कमी आ रही है। यही कारण है जो चीन बिजली के संकट में फंस गया है। कोयले के संसाधनों की पूर्ती ना होने के कारण चीन में मॉल, कारखाने, शोरूम, दुकानें अनिश्चित काल के ही बंद कर दिए गए हैं। घरों में भी बिजली नहीं आ रही है, जिसके कारण चीन के लोगों को भीषण गर्मी से जूझना पड़ रहा है। साथ ही कारखाने बंद होने के कारण चीन कच्चे माल का उत्पादन नहीं कर पा रहा, अगर चीन का बिजली संकट काफी समय तक चला तो दुनियाभर की कई स्मार्ट फोन, कारों, ऑटोमोबाइल आदि कई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को नुकसान पहुंच सकता है।

    चीन पर इस संकट की दूसरी वजह कोयले की कीमतों में भारी उछाल भी बताया जा रहा है। इस समय चीन में प्रति टन कोयले की कीमत करीब 15,000 रुपये पहुंच गई है। अचानक बिजली की आपूर्ति में कटौती के कारण कई लोग तो लिफ्ट में भी फंस गए। अगर चीन में बिजली संकट ज्यादा समय तक कायम रहा तो सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि दुनियाभर की औद्योगिक गतिविधि प्रभावित हो सकती है और विश्व स्तर पर जीडीपी गिरने की पूरी संभावना है।

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