राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर दुबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में शामिल हुये

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इलेक्ट्रॉनिकी और कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, इजराइल और अन्य प्रतिभागी देशों की शासकीय तथा औद्योगिक हस्तियों को सम्बोधित करते हुये यह कहा।‘भारतीय प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष प्रतिभा का भूमंडलीकरण’ विषयक मंत्री स्तरीय गोलमेज सम्मेलन में नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना का उल्लेख करते हुये कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना है कि अन्य देशों के साथ प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष की भरोसेमंद राह तैयार की जाये। जहां भारत पूरे विश्व के लिये कौशल केंद्र हो तथा युवा भारतीय नवोन्मेषी हों।

भारत के विशाल और कम लागत वाले डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म की सफलता की कहानी को रेखांकित करते हुये चंद्रशेखर ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री इस बात को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि विश्व को भारत की क्षमताओं से लाभ मिलेगा।”

प्रौद्योगिकी सेक्टर में खुद विशाल अनुभव रखने वाले चंद्रशेखर ने प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में कहा, “हमने अब तक जो अनुभव किया है, उसे देखते हुये प्रौद्योगिकी का भविष्य भिन्न होगा, जहां कृत्रिम बौद्धिकता, मशीन लर्निंग, एक्सटेंडेड रियालिटी/ऑगमेंटेड रियालिटी, हाई पॉवर कंप्यूट आदि जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां विभिन क्षेत्रों में नवोन्मेष को गति देंगी।” जी-20 की अध्यक्षता और कृत्रिम बौद्धिकता पर जीपीएआई वैश्विक साझेदारी की परिषद पीठ प्राप्त करने का उल्लेख करते हुये चंद्रशेखर ने देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया.उन्होंने कहा कि आने वाले दशक साझीदारी पर चलेंगे।

चंद्रशेखर ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद प्रौद्योगिकी साझीदार है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देकर अपने डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा और भरोसा सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने नये डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2022 के बारे में कहा कि इससे नागरिकों की निजता की सुरक्षा करने वाले विरोधाभासी उद्देश्यों में संतुलन स्थापित होता है, व्यापार सुगमता सुनिश्चित होती है और अधिकतम शासन का रास्ता खुलता है। उन्होंने बताया कि भारत के जीवंत स्टार्ट-अप और नवाचारी इको-प्रणाली को ध्यान में रखकर विधेयक का मसौदा बनाया गया है।

राजीव चंद्रशेखर ने आईजीएफ 2022 के दौरे के समय सेक्वेईया, क्वॉइनबेस और वर-से जैसे संगठनों के वरिष्ठ प्रमुखों से मुलाकात भी की।

इसके बाद राजीव चंद्रशेखर और यूएई सरकार के उनके समकक्ष उमर सुल्तान-अल-अल्लामा ने ‘पार्टनर्स इन डिसरप्शन एंड इनोवेशन’ विषयक सत्र में हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की आईजीएफ बैठक में दोनों मंत्रियों के बीच हुई चर्चा तथा भारत और यूएई के बीच प्रौद्योगिकीय सहयोग के उपयोग व पड़ताल के लिये पिछले वर्ष राजीव चंद्रशेखर की दुबई यात्रा के हवाले से उक्त सत्र में संवाद हुआ।