बिना इलाज के छोड़ देने से श्रमिक की मौत

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मध्यप्रदेश के दतिया जिले में लॉकडाउन के दौरान एम्बुलेंस सेवा से जुड़े डॉक्टर द्वारा एक बीमार श्रमिक को बिना इलाज के छोड़ देने से श्रमिक की मौत हो गई। यह जानकारी एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मृतक श्रमिक की पहचान ग्वालियर के रहने वाले शानू कुशवाहा (35) के रुप में हुई है। लॉकडाउन के घोषणा के बाद उसकी तबीयत लगातार खराब होने लगी और कुछ लोगों ने उसे भगुवापुरा के बस स्टेंड पर छोड़ दिया। लोगों ने इसकी सूचना एम्बुलेंस सेवा 108 को दी। सूचना के बाद एक डॉक्टर के साथ एक एम्बुलेंस वहां पहुंची।

हालांकि चिकित्सक (नाम का खुलासा नहीं किया गया है) जांच के बाद बीमार श्रमिक को अस्पताल ले जाने के बजाय उसे वहीं छोड़ कर चले गए। इसके बाद 26 मार्च को कुशवाह की वहीं बस स्टेंड पर मौत हो गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ एस एन उदयपुरिया ने कुशवाहा की मौत के लिए डॉक्टर और एम्बुलेंस समन्वयक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए जिला कलेक्टर को इसकी रिपोर्ट सौंपी है। उदयपुरिया ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि कुशवाहा गंभीर रुप से बीमार था और उस