यूपी में कांग्रेस के साथ हुआ ये – ‘छन से जो टूटा एक सपना’ !

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 तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए उम्मीद जगी थी कि वह उत्तर प्रदेश में होने वाले महागठबंधन में उसकी दावेदारी मजबूत होगी पर अब उसके सपनें टूटते हुए दिखाई पड़ रहे हैं खबरों के मुताबिक सूबे में सपा-बसपा के साथ होने वाले गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाएगा। सपा-बसपा गठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तकरीबन तय हो गया है। माना जा रहा है गठबंधन का औपचारिक ऐलान मायावती के जन्मदिन पर हो सकता है।

खबरों के मुताबिक यूपी में सपा-बसपा के साथ गठबंधन और सीटों के फॉर्मूला तय हो गया है। इस फॉर्मूले के हिसाब से कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली छोड़ सकते हैं। इसके साथ साथ चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी को  2 से 3 सीटें मिल सकती है। आरएलडी के खाते में बागपत, मुजफ्फरनगर और कैराना संसदीय सीटें दी जा सकती है।

खबरों के मुताबिक दोनों पार्टियों ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में अपने लिए सीटें तय कर ली है। एक फॉर्मूले के मुताबिक बीएसपी 38 और सपा 37 सीटों पर चुनावी लड़ेगी। जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत बसपा 39 और सपा को 37 सीटों पर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएगी। ऐसी स्थिति में आरएलडी को 2 सीटें मिल सकती है, कहा जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर दोनों ही दलों के बड़े नेता एक साथ है।

सपा और बसपा-दोनों पार्टियों ने कांग्रेस के साथ यूपी में गठबंधन न करने का मन मना लिया है। हाल ही में हुई पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नतीजों के बाद दोनों पार्टियों ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दिया है।

बसपा पार्टी हर साल मायावती के जन्मदिन को बड़े ही धूमधाम से मनाती है। इसी दिन मायावती एक ब्लू बुक जारी जारी करती है जिसमें हर साल के उनके काम और बीएसपी के वैचारिक नजरिए को सामने रखा जाता है। लोकसभा चुनाव के लिहाज से इस बार एक बड़ा आयोजन कर सकती है। इस कार्यक्रम गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इसी दिन सूबे में गठबंधन का ऐलान होगा।

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