धर्मनिरपेक्षता के सामने चुनौती, खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने पर राष्ट्र-विरोधी बताया जाता है: चिदंबरम

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि देश में धर्मनिरपेक्षता और नागरिकता के सामने चुनौती है तथा आज अगर कोई व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष है तो लोग उसे राष्ट्र-विरोधी कहने लगते हैं।चिदंबरम ने ”विज़न फॉर ए नेशन: पाथ्स एंड पर्सपेक्टिव” नामक पुस्तक के विमोचन के बाद कहा कि अगर आज कोई धर्मनिरपेक्ष है तो उसकी देशभक्ति पर सवाल उठाए जाते हैं और ऐसे लोग भी होंगे जो दूसरों की नागरिकता पर समय-समय पर सवाल उठाने लगते हैं जोकि खतरनाक बात है।

समृद्ध फाउंडेशन की इस पुस्तक का चिदंबरम के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत अन्य लोगों ने विमोचन किया। चिदंबरम ने कहा कि कई लोग अन्याय के खिलाफ महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा के विचार का प्रचार कर रहे हैं तो कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह से सर्वोच्च नेता की आज्ञा का पालन करने की एडोल्फ हिटलर की सोच का भी प्रचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”आज अगर आप धर्मनिरपेक्ष हैं तो लोग आपको राष्ट्र-विरोधी कहते हैं। अगर आज आप धर्मनिरपेक्ष हैं तो वे कहते हैं कि आप पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। अगर आप धर्मनिरपेक्ष हैं तो आपकी देशभक्ति पर सवाल खड़े किए जाते हैं। इनमें से अधिकतर लोग समय समय पर दूसरों की नागरिकता पर सवाल उठाने लगते हैं। यह खतरनाक बात है। ऐसे हालात पिछले कुछ वर्षों में बने हैं।”