रेल-मदद को मिला रजत पुरस्कार

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भारतीय रेल के शिकायत निवारण पोर्टल रेल-मदद को नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्टता’ के लिए राष्ट्रीय ई-शासन पुरस्कारों के द्वितीय वर्ग में रजत पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार ई-शासन पर आयोजित 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिया गया। । ई-शासन पहलों के क्रियान्वयन में उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने के लिए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) हर वर्ष राष्ट्रीय ई-शासन पुरस्कार प्रदान करता है। डीएआरपीजी को 6 वर्गों में ई-शासन पुरस्कारों के लिए 500 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 20 परियोजनाओं को चुना गया था।

रेलवे के सभी उपभोक्ता रेल-मदद हेल्पलाइन 139 (आईवीआरएस, वॉयस और एसएमएस सुविधा सहित) का इस्तेमाल करके रेल-मदद पोर्टल का लाभ उठाने के साथ ही वेबसाइट तथा रेल-मदद एप (एंड्रायड और आईओएस) का भी उपयोग किया जा सकता है। बताया जाता हैं कि रेल-मदद निम्नलिखित तरीकों से रेलवे के उपभोक्ताओं की सहायता कर रहा है।  समस्त सुविधाएं एक ही स्थान पर जैसे कि रेल-मदद शिकायत निवारण, पूछताछ और सहायता के लिए एकल पोर्टल है, जहां रेलवे के सभी उपभोक्ताओं को समस्त सुविधाएं प्राप्त होती हैं। पोर्टल पर यात्रा, माल और पार्सल संबंधी सुविधाएं दी जाती हैं। उपभोक्ता रेल-मदद पर अपने सुझाव भी दे सकते हैं।
उपभोक्ता रेल-मदद हेल्पलाइन 139, वेब एप, एसएमएस, सोशल मीडिया और दस्ती डाक के जरिये रेल-मदद की सुविधा ले सकते हैं। रेल-मदद नम्बर 139 में 15 से अधिक हेल्पलाइनें हैं, जहां उपभोक्ताओं को अपनी सभी जरूरतों के बारे में मदद मिल सकती है। गैर-स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता भी 139 नंबर पर   सीधे कॉल सेंटर के अधिकारियों से बात कर सकते हैं, जो उन्हें शिकायत दर्ज करने में मदद करेंगे। आईवीआरएस के जरिये भी शिकायत दर्ज करना संभव है। यह सुविधा 12 भाषाओं में उपलब्ध है। रेलवे की ओर से बताया जाता हैं कि रेल-मदद रेलवे की मौजूदा टिकट प्रणाली पीआरएस और एनटीईएस से जुड़ा है। इस तरह पीएनआर विवरण डालते ही यात्रियों को अपने आप यात्रा विवरण मिल जाता है।

इसके कारण शिकायत पंजीकरण प्रक्रिया सरल और आसान हो गई है।  रेल-मदद एनटीईएस से जुड़ा है। इसलिए शिकायत अपने आप संबंधित फील्ड यूनिट के पास चली जाती है, जो शिकायत निवारण की प्रक्रिया में तेजी लाती है। प्रत्येक दर्ज शिकायत पर शिकायतकर्ता को एक विशिष्ट सीआरएन नंबर दिया जाता है, जिसके जरिये वह अपनी शिकायत की स्थिति की जांच कर सकता है। शिकायत बंद करने के उपरांत उपभोक्ता को उसके फीडबैक के लिए एसएमएस के जरिये एक लिंक भेजा जाता है।

भरत पांडेय