मौनी अमावस्या पर ग्रहों का बना संयोग, कुंभ का भी दूसरा स्नान आज…..

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:  धर्म ग्रंथों के अनुसार समाज में भगवान व धार्मिक भावनाओं के प्रति लोगों की आस्था सदियों से चली आ रही है तो आज कुंभ का दूसरा स्नान भी है और मौनी अमावस्या भी है माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। यह तिथि चुपचाप मौन रहकर ऋषि मुनियों की तरह आचरण पूर्ण स्नान करने के विशेष महत्व के कारण ही मौनी अमावस्या कहलाती है।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता है। क्योंकि इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिए बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि पितृ दोष है तो उससे मुक्ति के उपाय के लिए भी अमावस्या तिथि काफी कारगर मानी जाती है।

इसलिए इस अमावस्या के दिन लोगों को गंगा स्नान करना और संत व गरीबों को भोजन कराना व कपडे दान करने से अच्छे फल की प्राप्ति होती है।

इस मौनी अमावस्या पर ग्रहों का क्या विशेष संयोग बना है-

मौनी अमावस्या के पर्व पर मकर राशि में चार ग्रहों सूर्य, चंद्रमा, बुध, केतु की युति विशेष फलदाई होंगे। मौनी अमावस्या का अमृत के समान स्नान मकर राशि में सूर्य चंद्रमा बुध केतु के होने से ही होगा। शनि और शुक्र दोनों धनु राशि में ही होंगे।

मौनी अमावस्या पर करें महाउपाय और दान-

मौनी अमावस्या पर हो सके तो गंगा में स्नान जरूर करें यदि संभव ना हो तो अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल डालकर स्नान करें।

स्नान के बाद साफ कपड़े पहन कर कच्चे दूध में काला तिल और गंगाजल में मिश्री मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में जरूर अर्पण करें पितरों के नाम से किसी गौशाला में गाय को चारा जरूर खिलाएं

अमावस्या पर अनाज दान करने का भी विशेष महत्व है। बाजरा, मक्का, गेहूं, चावल आदि अनाज इस दिन दान करना चाहिए।

अमावस्या पर गरीबों को भोजन का दान करना चाहिए। इससे पितरों को आत्मा भी तृप्त होती है।

गरीब लोगों को गर्म कपड़े, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, दूध से बनी मिठाई, सफेद कपड़े, फल, सब्जियां तथा दवाई का दान जरूर करें।

गरीब और असहाय का न करें अपमान 
मौनी अमावस्या के दिन किसी भी गरीब और असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में जो व्यक्ति गरीब का अपमान करता है। तो उस पर शनिदेव कृपा नहीं करते हैं।

इसके अलावा अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। शनिवार के दिन को छोड़कर किसी और दिन पीपल का स्पर्श करना अशुभ माना गया है। इसलिए मौनी अमावस्या पर पूजा करें लेकिन उसे स्पर्श न करें। अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। मौनी अमावस्या की रात श्मशान घाट या कब्रिस्तान या उसके आस-पास न घूमें इसके अलावा मौनी अमावस्या की सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए।