कीटो डाइट इस तरह हो सकती है आपके लिए जानलेवा, पढ़ें खबर…

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 आजकल के समय में जहां हेक्टिक लाइफस्टाइल और दौड़ भाग भरे जीवन से आप परेशान रहते हैं। लगातार सेहत में आने वाली गिरावट से निपटने के लिए हम आए दिन अलग अलग तराके अपनाते हैं। इनमें से एक कीटो डाइट भी है। कीटो डाइट काफी कम समय में बहुत अच्छे परिणाम देती है। हालांकि जर्नल ऑफ फिजियॉलजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो कीटोजेनिक डायट जिसमें फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है, प्रोटीन की मात्रा सामान्य लेकिन कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेहद कम होती है उसका सेवन करने से टाइप-2 डायबीटीज का खतरा बढ़ जाता है।

यूनिवर्सिटी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ज्यूरिक और ईटीएच ज्यूरिक ने चूहों पर ये शोध कर खुलासा किया है। इस शोध में चूहों को 2 अलग-अलग तरह की डायट दी गई और उसके बाद उनका स्टैंडर्ड मेटाबॉलिक टेस्ट किया गया। स्पेशलाइज्ड तरीकों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने इस बात की जांच करने की कोशिश की चूहों के शरीर में इंसुलिन ऐक्शन के दौरान आंतरिक रूप से चीनी के उत्पादन का लिवर पर और टीशूज पर क्या असर पड़ा। जिससे साफ हुआ कि ये डायट टाइप 2 डायबिटीज के लिए सही नहीं है।

क्या है कीटो डाइट

कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट सबसे कम और हाई फैट डाइट ली जाती है, ताकि शरीर को कीटोसिस स्थिति में लाया जा सके। kitosis शरीर की ऐसी matabolic स्थिति है जिसमें शरीर ब्लड गुल्कोस (कार्बोहाइड्रेट) की बजाय फैट के टुकड़ों को तोड़ कर एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है।

ऐसा तब होता है जब आप एक दिन में 40 ग्राम से भी कम कार्बोहाइड्रेट डाइट लेते है। इस स्थिति में आपका दिमाग भी फैट से मिली एनर्जी से चलता है। कीटोडाइट में कोई कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है और न ही चीनी का प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत हाई फैट, नॉर्मल प्रोटीन, और कम मात्र में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है। आपकी रोजाना जरूरत की 70 से 75 % कैलोरी फैट से लेनी चाहिए, 20 से 25 % कैलोरी प्रोटीन से और मात्र 5 से 10 % कैलोरी कार्बोहाइड्रेट ली जाती है।

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