किसके नाम पर है दादासाहब फालके पुरूस्कार और किन्हे मिला ये सम्मान!

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दादासाहब फाल्के पुरूस्कार एक ऐसे महापुरूष के नाम पर है, जिन्होने हिंदी सिनेमा में अपना पहला और बड़ा योगदान दिया। जिन्हे लोग भारतीय सिनेमा के पिता के नाम से जानते हैं। हिंदी सिनेमा जगत को उच्च स्तर पर पहुंचाने वाले दादासाहब फालके के नाम पर ये अवॉर्ड उन दिग्गजों को दी जाती है। जो अपने अभिनय से सामाजिक तौर पर नई मिसाल कायम कर सकें। दादासाहब फालके 1870 को मराठी परिवार में जन्मे थे। इनका पूरा नाम धुंडीराज गोविंद फालके है। इनके पिता संस्कृत के प्रोफेसर थे। ऐसे में फालके की पढ़ाई मुंबई में हुई थी। पढ़ाई खत्म होने के बाद एक बार दादासाहब ईसामसीह पर बनी एक फिल्म देखने गए।

इस जगह पर उन्होने राम, कृष्ण और हनुमान को रखा। जिसके बाद उन्होने ये निश्चित कर लिया की वह एक फिल्मकार बनेंगे। इसके लिए दादासाहब ने एक सस्ता कैमरा खरीदा और चल पड़े फिल्मकार की राह पर कड़े संघर्ष के बाद बनी भारतीय जगत की पहली फिल्म राजा हरिषचंद और ये फिल्म सुपरहिट हुई। इस फिल्म के हिट होने के बाद उन्होने कई हिट फिल्में दी। साल 1944 में वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। इसलिए भारतीय सिनेमा जगत में उनके सम्मान के लिए इस पुरूस्कार को उन दिग्गजों के दिया जाता है। जिनकी एक्टिंग ने लोगों को प्रभावित किया हो। यह पुरस्कार 1969 में शुरू हुआ था।

जिन्हे अबतक मिला ये पुरूस्कार

यह पुरुस्कार अब तक पृथ्वीराज कपूर, देविका रानी, राज कपूर, शशि कपूर, विनोद खन्ना, राजेश खन्ना, आशा भोसले, लता मंगेश्कर, बलदेव राज चोपड़ा, यश चोपड़ा, बलदेव नरसिम्मा रेड्डी है। इस वर्ष 66वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह है। जिसमें अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना, विक्की कौशल और किर्ति सुरेश को पुरूस्कार मिलना है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10,00000 रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सोमवार को ये पुरस्कार प्रदान करेंगे। परंपरागत रूप से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति कोविंद पुरस्कार विजेताओं के लिए बाद में एक चाय पार्टी आयोजित करेंगे।