कोरोना वायरस से बचाव के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित

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जानलेवा कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री की अगुवाई में 18 सदस्यीय समिति का गठन किया है। साथ ही 12 प्रभावित देशों से आए 137 संदिग्ध यात्रियों के नमूने जांच के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस से प्रभावित चीन, हांगकांग, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर समेत 12 देशों से आने वाले यात्रियों में कोरोना वायरस के संभावित रोगियों की पहचान, मर्ज की रोकथाम, बचाव और इलाज के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि संदिग्ध रूप से संक्रमित 137 यात्रियों के नमूने जांच के लिए एनआईवी पुणे, एनसीडीसी दिल्ली और केजीएमयू लखनऊ की प्रयोगशालाओं में भेजे जा चुके हैं। इनमें से 109 की रिपोर्ट नेगेटिव है, जबकि 28 की रिपोर्ट मिलना बाकी है। इसके अलावा 20 संदिग्ध यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में स्थापित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई सूची, हवाई अड्डे पर तथा भारत नेपाल सीमा पर आए यात्रियों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है

उनमें से कुल 2,203 यात्रियों की जिला स्तरीय आरआरटी टीम द्वारा सघन निगरानी की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में 18 सदस्यीय उच्चाधिकारी प्राप्त समिति का गठन किया गया है। जिला स्तर पर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस सिलसिले में दिए गए दिशा निर्देशों का पालन कराने के लिए राज्य और जिला स्तर पर 5 सदस्यीय 11 अन्य कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर संदिग्ध रोगी के नमूने इकट्ठा कर वायरोलॉजी प्रयोगशालाओं में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के सभी मंडलीय चिकित्सालय में जिला अस्पतालों और जिला संयुक्त चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों को किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा चुका है और 820 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा वाले प्रदेश के 7 जिलों बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और पीलीभीत में स्थापित सभी सीमा चौकियों पर 24 घंटे चिकित्सीय दल और एंबुलेंस तैनात की गई हैं।