झारखंड सरकार ने किसानों के पचास हजार रुपये तक के रिण माफ किये

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश किये गये 86370 करोड़़ रुपये के अपने पहले बजट को गरीबोन्मुखी बताया और किसानों के पचास हजार रुपये तक के रिण माफ करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये का उपबंध किया है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नवगठित झारखंड सरकार का वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किसानों के पचास हजार रुपये तक के रिण माफ करने के लिए बजट में दो हजार करोड़ रुपये का उपबंध करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष के लिए कुल 86370 करोड़ रुपये के बजट में इस मद में दो हजार करोड़ रुपये का उपबंध किया गया है।

इसके अलावा बजट में बेरोजगार स्नातक एवं परास्नातक युवकों तथा युवतियों को दो वर्ष तक के लिए क्रमशः पांच हजार तथा सात हजार रुपये प्रति वर्ष सहयोग राशि देने की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए 146 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। राज्य सरकार ने बजट में सभी लोगों के लिए सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त करने की व्यवस्था की है लेकिन इसके लिए शर्त यह रखी गयी है कि यह मुफ्त बिजली उन्हीं परिवारों को दी जायेगी जो तीन सौ यूनिट प्रति माह खर्च करेंगे। इसके लिए बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल गरीबों के अलावा राज्य के गरीबी रेखा से ऊपर के शेष परिवारों को भी राज्य सरकार के संसाधनों से पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा देने की व्यवस्था की है।

इनके अलावा वित्त मंत्री ने राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शामिल 57 लाख परिवारों को सस्ते अनाज के अलावा वर्ष में दो बार धोती, लुंगी और साड़ी भी देने की घोषणा की है जिसके लिए बजट में दो सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार के बजट की इन विशेषताओं को देखते हुए इसे गरीबोन्मुखी बताया है तथा कहा है कि यह बजट गरीबों, युवाओं तथा किसानों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। बजट में सरकार ने रघुवर दास सरकार द्वारा किसानों को मदद देने के लिए प्रारंभ की गयी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं की है और यह योजना बंद करने का फैसला किया है।

इसके तहत पिछली सरकार पांच एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों को प्रति एकड़ प्रति वर्ष पांच हजार रुपये की सहायता राशि देती थी। जिसके चलते एक एकड़ भूमि वाले किसान को पांच हजार रुपये और पांच एकड़ तक भूमि वाले किसानों को पच्चीस हजार रुपये की सहायता राशि मिलती थी। वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में कोई बजटीय घाटा नहीं है लेकिन इसमें 2.15 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की बात स्वीकार की गयी है। आगामी वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने आठ प्रतिशत विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने 7.2 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान लगाया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने भाषण में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मैं सदन के समक्ष राज्य का सकल बजट 86,370 करोड़ रुपये का प्रस्तुत कर रहा हूँ,

जिसमें राजस्व व्यय के लिए 73,315.94 करोड़ रुपये एवं पूँजीगत व्यय के लिए 13,054.06 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।’’ बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 25,047.43 करोड़ रुपये, सामाजिक क्षेत्र के लिए 32,167.58 करोड़ रुपये तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 29,154.99 करोड़ रुपये उपबंधित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को आगामी वित्त वर्ष के बजट में अपने कर राजस्व से लगभग 21,669.50 करोड़ रुपये तथा गैर कर राजस्व से 11,820.34 करोड़ रुपये, केन्द्रीय सहायता से 15,839 करोड़ रुपये, केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 25,979.91 करोड़ रुपये, ऋण से करीब 11,000 करोड़ रुपये एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 61.25 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।