एजीआर बकाया भुगतान संबंधी आदेश का अनुपालन नहीं होने पर न्यायालय ने अपनाया कड़ा रुख

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उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई। उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से यह बताने को कहा कि एजीआर बकाये के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाये। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम.आर.शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया,

जिससे एजीआर मामले में दिये गये फैसले के अनुपालन पर रोक लगी। पीठ ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है । बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए।’’ उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एक डेस्क अधिकारी अटॉर्नी जनरल और अन्य संवैधानिक प्राधिकरणों को पत्र लिखकर बता रहा है कि उन्हें दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाये के भुगतान पर जोर नहीं देना चाहिये। तल्ख टिप्पणी में न्यायालय ने कहा, ‘‘यदि एक डेस्क अधिकारी न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है तो फिर उच्चतम न्यायालय को बंद कर दीजिये।

’’ न्यायालय ने कहा, ‘‘हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया। देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, इससे हमारी अंतरआत्मा हिल गयी है।’’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने एजीआर बकाये को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों तथा कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी।