तटरक्षक का गश्ती पोत ‘‘वराड” सेवा में शामिल

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भारतीय तटरक्षक के गश्ती पोत ‘वराड’ को केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडवीय ने शुक्रवार को यहां सेवा में शामिल किया। लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड ने 98 मीटर लंबे जहाज को यहां से पास कट्टुपल्ली में अपने यार्ड में तैयार किया है। इस पोत में अत्याधुनिक नौवहन एवं संचार उपकरण लगे हुए हैं। मंत्री ने तटरक्षक के महानिदेशक के नटराजन, चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के प्रमुख पी रवींद्रन और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में यहां चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट पर पोत को सेवा में शामिल किया।

मांडवीय ने एक फलक का भी अनावरण किया जिसपर पोत को सेवा में शामिल करने की तिथि अंकित थी। तट से दूर खुले समुद्र में गश्त करने वाला यह सात पोतों की श्रृंखला में से पांचवा पोत है जिसके लिए एल एंड टी रक्षा मंत्रालय से करार हासिल करने में कामयाब रहा। एल एंड डी शिपबिल्डिंग लिमिटेड के प्रमुख एस कन्नन ने कहा कि सेवा में शामिल किए जाने से पहले पोत का कई बार परीक्षण किया गया है।

तटरक्षक महानिदेश के नटराजन ने कहा कि इस पोत से पहले आईसीजीसी वराड की पिछली पीढ़ी 28 वर्षों तक सेवा में रही। उन्होंने कहा कि आवंटित निधि का 90 प्रतिशत पोतों को स्वदेशी बनाने पर खर्च किया जाता है। पोत 30 एमएम और 12.7 एमएम बंदूकों से लैस है।