दिल्ली चुनाव से पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की

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सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। इन इलाकों में हाल में गोलियां चलने की घटनाएं हुई थीं। प्रदर्शनकारियों ने आशंका जताई कि आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी और भी घटनाएं हो सकती हैं। जामिया नगर के निकट एक सप्ताह में गोलियां चलाने की तीन घटनाएं हुई हैं। तीस जनवरी को एक नाबालिग ने जामिया से राजघाट की ओर मार्च की तैयारी कर रहे सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी,

जिसमें एक छात्र घायल हो गया था। इसके दो दिन बाद 25 वर्षीय व्यक्ति ने शाहीन बाग में दो राउंड फायरिंग की थी, जहां पर नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था। शाहीन बाग और उसके निकट जामिया मिल्लिया इस्लामिया में महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ 15 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया के छात्र मोहम्मद हफीज आजमी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और शाहीन बाग की महिलाओं ने सशस्त्र पुलिसकर्मियों समेत कड़ी सुरक्षा की मांग की है।

अभी तक तो गड़बड़ी फैलाने वाली ताकतें गोली चलाने और हमें उकसाने के लिये पिस्तौल के साथ लोगों को भेज रही हैं, लेकिन मतदान के दिन वे बड़ा हमला कर सकते हैं।” दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कुल 13,750 मतदान केंद्रों में से 3,141 केंद्रों को ‘संवेदनशील’ और 144 केंद्रों को ‘अति संवेदनशील’ के रूप में चिन्हित किया है। अधिकारियों ने कहा कि 38,400 पुलिसकर्मियों, 19,000 होमगार्डों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) समेत 60,000 सुरक्षाकर्मी चुनाव के दिन तैनात रहेंगे। इसके अलावा, पुलिस मतदान के दिन निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी और सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखेगी।