जेल में बंद 11 किसान बिना शर्त रिहा

0

प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करने पर जेल में बंद सभी 11 किसानों को शुक्रवार देर शाम रिहा कर दिया गया। कोर्ट के आदेश पर सभी को बगैर शर्त रिहा किया गया। माना जा रहा है कि व्यापारी संगठनों, राजनीतिक दलों समेत अन्य संगठनों के विरोध के चलते पुलिस पर किसानों की रिहाई का दबाव था। किसानों की गिरफ्तारी 12 फरवरी को हुई थी। जेल में बंद किसान लगातार तीन दिन से अनशन पर थे।

लुक्सर जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि पुलिस कमिश्नरी कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार शाम करीब 7.30 बजे किसानों को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर निकलते ही सुखबीर खलीफा समेत डॉ. प्रेम सिंह, ऊदल यादव, राजेंद्र यादव, हरीकृष्ण, सोनू व सुबोध यादव आदि का किसानों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। रिहा होने के बाद सुखबीर खलीफा ने बताया कि किसानों ने 11 फरवरी को प्राधिकरण दफ्तर के बाहर आंदोलन शुरू किया था। 12 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

उन्होंने जेल में जाकर अनशन शुरू कर दिया गया था। जेल प्रशासन ने अनशन तुड़वाने का काफी प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। शनिवार और रविवार को प्राधिकरण के बाहर हवन किया जाएगा। सोमवार को फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस बार यह यह आंदोलन किसानों की सभी समस्याओं के समाधान के बाद ही रुकेगा। उधर, सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा।

यहां दिनभर किसानों ने प्रदर्शन किया। नोएडा प्राधिकरण की ओर वार्ता की पहल की गई। लेकिन किसानों ने अपने नेता सुखबीर खलीफा के बिना वार्ता करने से इंकार कर दिया था। संभावना है कि सोमवार को सभी किसान एक बार फिर धरना स्थल पर मौजूद होंगे। फिलहाल उसी दिन अधिकारियों और किसानों के बीच वार्ता होने की बात कही जा रही है। सोमवार को सभी किसान एक बार फिर से पूरे दमखम के साथ नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे।

प्राधिकरण के अधिकारियों को उम्मीद है कि सोमवार को किसान नेताओं के साथ उनकी सकारात्मक वार्ता होगी और मामले को सुलझाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी डॉ. संतोष उपाध्याय ने बताया कि शुक्रवार को उनकी ओर से किसानों के साथ वार्ता की कोशिश की गई। लेकिन किसानों ने इसलिए बात नहीं की कि उनके नेता नहीं थे। अब सोमवार को वार्ता की संभावना है।