आखिर पाक का असली चेहरा कब पहचानेगा चीन

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चीन और पाकिस्तान की करीबी के बारे में हर कोई जानता है। चीन और पाक की दोस्ती इतनी मजबूत दिखाई देती है कि चीन आतंकियों के मामले में पूरी दुनिया से अलग पाकिस्तान का सहयोग करता है। इस दोस्ती के पीछे चीन का आर्थिक हित छिपा है जिसमें चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सबसे अहम है। साथ ही चीन के कई हजार निवासी पाकिस्तान में रहकर इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं।

वहीं अब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा है कि चीन भारत के साथ निकट संबंध स्थापित करना चाहता है और यांग्त्जी एवं गंगा नदियों की तरह आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही चीन के लिए विशेष सहयोगी बना रहेगा।

वांग यी ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को कम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक दूसरे से समझौता कर जल्द ही नई शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों को सलाह देंगे कि मौजूदा तनाव के संबंधों को दीर्घकाल सुधार में बदलें। 

वांग यी ने कहा कि 2018 चीन और भारत के संबंधों के लिए अहम साल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान में ऐतिहासिक वार्ता हुई। जिसमें उच्च स्तरीय वार्ता का नया मॉडल बनाया। इस शिखर सम्मेलन के बाद चीन पाकिस्तान के साथ अपने सदाबहार संबंधों के बावजूद भारत के साथ निकट संबंध विकसित करना चाहता है।

वांग यी ने भारत की पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत पर कुछ नहीं कहा, कि पाकिस्तान कैसे आतंक को बढ़ावा दे रहा है। चीन बेशक भारत के साथ भी दोस्ती की बात करता है लेकिन जब बात पाकिस्तान में पसरे आतंक की आती है तो वो पाकिस्तान का ही सहयोग करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को भारत वैश्विक आतंकी घोषित करना चाहता है। इस राह में भारत का साथ चीन को छोड़कर सभी देश दे रहे हैं। चीन हमेशा ही मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के खिलाफ बोलता है और अभी तक इस मामले में भारत की कोशिशों को विफल करता आया है।