मौसम ने बदला करवट, उत्तर भारत में जन-जीवन अस्त-व्यस्त

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सितंबर का महीना निकलने वाला है, कुछ दिनों के बाद पहड़ों में बर्फ भी जमेंगे, लेकिन मौसम  को करवट बदलते देख ऐसा लगता है मानो आभी तो मानसून ने दस्तक ही दिया है। पिछले कई दिनों से उत्तर भारत के राज्यों में भारी बारिश हो रही है। जिसे जन-जीवन अस्त- व्यस्त हो रखा है। इससे दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम खुशनुमा है तो वहीं, हिमाचल प्रदेश में बारिश पिछले 48 घंटे से कहर बरपा रही है। ब्यास, रावी नदी उफान पर हैं। कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे समेत 126 सड़कें आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं. कई जगह भूस्खलन की भी खबर है। मनाली में तो ब्यास नदी में आए उफान की वजह से एक यात्री बस नदी में बह गई।

वहीं, कुल्लू-मनाली में एक जगह ट्रक समेत कई गाड़ियां नदी में बह गई। वहीं, कुल्लू के ओट में बादल फटने से कुल्लू-मनाली के बीच डोभी विहाल में ब्यास के बीच 19 लोग फंस गए थे। जिन्हें हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू करके भूंतर एयरपोर्ट उतारा गया।

बारिश का कहर चंबा जिले में भी देखने मिल रहा है। यहां कई ब्रिज में दरारें आ गई हैं। नदी में उफान की वजह से कई घर पानी में डूब गए हैं। रोहतांग दर्रा में भी दो दिन से बर्फबारी हो रही है। यहां 28 लोगों को रेस्क्यू दल ने सुरक्षित निकाल लिया। प्रशासन ने लोगों से आह्वान किया है कि नदी के किनारे न जाएं।चंबा पठानकोट नेशनल हाईवे भी कई जगह भूस्खलन होने के चलते बंद है। लाहुल व कुल्लू में भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है।

बारालाचा दर्रे सहित कुंजुम दर्रे और रोहतांग दर्रा में दो से ढाई फुट, ब्यासनल में 5 इंच, सोलंग के फतरु व गुलाबा में 3 इंच बर्फबारी हुई है। सोलन व ऊना को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने इन जिलों में सभी सरकारी व गैरसरकारी शिक्षण संस्थानों में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया है।

फिलहाल ब्यास के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मनाली की तरफ आने-जाने वाले ट्रैफिक को रोक दिया गया है। जिला प्रशासन ने किसी भी खतरे से बचने के लिए मंडी से कुल्लू के बीच पंडोह व औट में ट्रैफिक को रोक दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक, उड़ीसा से उठे तूफ़ान के कारण आज भी दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश के आसार हैं।