यह है रावण का ससुराल, बेटी के विधवा होने की वजह से यहां नहीं मनाया जाता ‘दशहरा’

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आज पूरे देश में दशहरे की धूम है। आज के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन देशभर में रावण के पुतले का दहन किया जाता है। दशहरे पर ‘रावण दहन’ की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। आज हम आपको रावण के ससुराल के बारे में बताएंगे और कुछ ऐसे राज आपके सामने रखेंगे जिन्हें पढ़ आप हैरान रह जाएंगे। ‘मंडोर’ गांव को रावण का ससुराल माना जाता है। दरअसल यह गांव राजस्थान के जोधपुर के पास है। यह गांव रावण की पहली पत्नी मंदोदरी को अपनी बेटी मानता है और यहां के गांववालों का कहना है कि रावण की मृत्यु के बाद गांव की बेटी और रावण की पत्नी ‘मंदोदरी’ विधवा हो गई थी, इसी वजह से दशहरे के दिन यहां मातम की स्थिति बनी रहती है।

इतना ही नहीं राजस्थान के इस गांव में रावण और उसकी पहली पत्नी मंदोदरी का एक मंदिर भी है जहां दोनों की मूर्तियां लगाई गई है। रावण की मृत्यु और गांव की बेटी मंदोदरी के विधवा होने की वजह से गांववासी दशहरे के दिन जशन की जगह शोक मनाते हैं। इसके साथ-साथ यहां के लोग रावण की कुलदेवी ‘खरानना’ की पूजा भी करते हैं।

उर्दू भाषा में होती है यहां ‘रामलीला’

आपने तरह-तरह की रामलीला देखी होगी पर हरियाणा के फरीदाबाद में होने वाली रामलीला की तरह कभी नहीं देखी होगी। यहां भी बड़े हर्षों-उल्हास के साथ रामलीला होती है, पर यहां कई खास चीजें आपको देखने को मिलेंगी जो पूरे देश में आपको कहीं नहीं मिलेंगी। दरअसल इस रामलीला में आपको हिंदी भाषा के साथ-साथ उर्दू भाषा का अनोठा संगम देखने को मिलेगा। इतना ही नहीं यहां की रामलीला में भारतीय कलाकारों के साथ-साथ पाकिस्तानी कलाकार भी हिस्सा लेते हैं।