यात्रियों के नाक और कान से निकलने लगा खून, ऐसा क्या हुआ जेट एयरवेज की फ्लाइट में ?

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मुंबई से जयपुर जा रही जेट एयरवेज एक फ्लाइट में यात्रियों को एक हादसे से होकर गुजरना पड़ा। फ्लाइट मुंबई से रनवे से जैसे ही उड़ान भरी केब्रिन प्रेशर को कंट्रोल नहीं किया जा सका। जिसकी वजह ये यात्रियों के नाक और कान से खून तक निकलने लगा। फ्लाइट में अफरातफरी का महौल बन गया। जिसके बाद फ्लाइट को वापस लैंड कराना पड़ा। फ्लाइट में मौजूद एक यात्री ने पूरे घटनाक्रम का विडियो ट्वीट किया है। साथ ही हादसे के वक्त की पूरी कहानी भी बताई है।

फ्लाइट में मौजूद रहे दर्शक हाठी ने बताया था कि फ्लाइट के उड़ान भरते ही एसी गड़बड़ हो गई। इसके बाद एयर प्रेशर सिस्टम खराब हो गया और मास्क बाहर निकल आए। हममें से कुछ लोगों को नाक से खून आने के साथ सिर दर्द शुरू हो गया। दर्शक के मुताबिक फ्लाइट को करीब एक घंटे बाद मुंबई वापस लाया गया। फ्लाइट में मौजूद लोगों को दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया।


नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरते समय चालक दल के सदस्य ‘ब्लीड स्विच’ सिलेक्ट करना भूल गए। इसकी वजह से केबिन प्रेशर सामान्य नहीं रखा जा सका और ऑक्सिजन मास्क नीचे आ गये। शुरूआती सूचनाओं का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि कुछ यात्रियों के नाक से रक्त स्राव हुआ। उन्होंने कहा, ‘विमान में 166 यात्री सवार थे, जिनमें से 30 यात्रियों को यह समस्या आई … कुछ की नाक से, जबकि कुछ अन्य के कान से रक्त स्राव हुआ। वहीं कुछ लोगों को सिर दर्द की परेशानी हुई।’

फ्लाइट के ऊंचाई पर पहुंचने के साथ-साथ हवा का दबाव घटने लगता है। आपने अक्सर फ्लाइट की उड़ान से पहले सेफ्टी अनाउंसमेंट में इसका जिक्र सुना होगा। उस दौरान आपको बताया जाता है कि हवा का दबाव कम होने पर सीट के ऊपर ऑक्सिजन मास्क आ जाएंगे। गुरुवार को जेय एयरवेज की फ्लाइट में यही हुआ।

दरअसल मनुष्य 8000 फीट तक की ऊंचाई पर केबिन प्रेशर 12 psi के करीब होता है। फ्लाइट में मौजूद लोगों के लिए इतना केबिन प्रेशर ठीक से सांस लेने को पर्याप्त होता है। हालांकि कमर्शल फ्लाइट अक्सर 40000 फीट से ऊपर भी उड़ान भरते हैं। इस लिहाज से मैनुअली केबिन प्रेशर मेंटेन किया जाता है। इसे इलेक्ट्रिक कंप्रेशर, टर्बोकंप्रेशर और इंजन ब्लीड एयर आदि की मदद से मेंटेन किया जाता है।