जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई से आतंक की टूटी कमर

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जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों की गतिविधियां अब कश्मीर के स्थानीय आतंकियों पर टिक गई हैं। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बाद उसकी कमर टूट गई है। 

ऐसे में कश्मीर के संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और पाक समर्थित लश्कर-ए-तैइबा सक्रिय हो गए हैं। इसका ताजा उदाहरण जम्मू बस स्टैंड पर होने वाला ग्रेनेड हमला है। जिसे हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया। इसे एक बड़ा हमला कहा जाएगा। हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी और 32 लोग घायल हुए थे।

सूत्रों का कहना है कि हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तैइबा कश्मीर के स्थानीय आतंकियों को ढाल बनाकर बड़े हमले करने की फिराक में है। सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट कहते हैं कि कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद की कमर टूट गई है। 

जैश ए मोहम्मद के कश्मीर में अब 30 से 40 आतंकी ही सक्रिय हैं। जबकि बीते दो साल में जैश के 80 के करीब आतंकियों को मार गिराया गया है। जबकि एयर स्ट्राइक और इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक में भी जैश के आतंकी मारे गए। पीओके में जैश का कैडर लगभग खत्म है, जबकि कश्मीर में दम तोड़ रहा है। ऐसे में अब लश्कर और हिजबुल ही आतंकी गतिविधियों को बढ़ा सकता है।