घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, पीएम गुरुवार को करेंगे बैठक

1

देश में मंहगाई की मुख्य वजह तेल कंपनी की कीमतों का लगातार बढ़ोतरी है। बता दें कि गुरुवार को भी इनके दामों में क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से देशवाशियों में गुस्सा है सो अलग। वहीं सरकार भी इसको लेकर चिंतित नजर आ रही है। जहां सरकार बढ़ती मंहगाई और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को रोकने के विकल्पों पर विचार कर रही है। तो सूत्रों ने जानकारी दी की कि इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय में गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राबी फसल के समय में ईंधन की बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं। राबी फसल के सीजन के दौरान डीजल का दाम बढ़ गए हैं। बता दें कि अक्टूबर से मार्च तक राबी फसल का सीजन होता है। सूत्रों ने जानकारी दी कि पेट्रोल और डीजल के दाम घट सकते हैं और इस संबंध में थोड़ी देर में वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।
सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए हैं. इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है।

ईंधन के बढ़ते दाम से किसानों की पहले से बदहाल स्थिति और खराब होने की आशंका है। विशेषकर रबी फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ने का अनुमान है। डीजल अभी रिकॉर्ड उच्च कीमत पर बेचा जा रहा है। यह कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर सिंचाई के पंपसेट तक डीजल से ही चलते हैं। अत: डीजल के महंगा होने से किसानों पर इसका असर पड़ना अवश्यंभावी है। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने कच्चा तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरते जाने के प्रभावों को दूर करने पर चर्चा की। साथ ही सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी पहली बार 500 रुपये प्रति सिलिंडर को पार कर गया है।