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दिल्ली में ‘रामभरोसे’ गढ़ी मांडू गांव

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न पीने को पानी, न नालियों की सफाई, न ही काली सड़कें और ना हीं रात को कोई स्ट्रीट लाइट। विकास के मॉडल में शंघाई से मुकाबला करने वाली दिल्ली के गढ़ी मांडू गांव में आपका स्वागत है। हालात ही नहीं इलाके के लोग भी बताते हैं कि ये गांव और गांववाले बस रामभरोसे ही हैं।

2000 से ज्यादा की आबादी वाले इस गांव के विकास की सुध न तो सीएम अरविंद केजरिवाल की आम आदमी पार्टी ने ली और ना ही इलाके के सांसद मनोज तिवारी ने। जब इंडिया ग्राम न्यूज ने इस ग्राम के प्रधान से बात की तो पता चला कि विधायक श्री दत्त शर्मा हर बार काम ना करवाने का बहाना बना देते हैं।

सवाल उठने लाजमी हैं कि क्या दिल्ली में रह रहे इन दो हजार गांववालों को जीने का कोई हक नहीं है? आखिर क्यों एनजीटी के बहाने गढ़ी-मांडू गांव वालों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है? क्या इन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार नहीं है?