प्रधानमंत्री की बैठक के बाद पेट्रोल-डीजल पर 2.50 रु की राहत, गुजरात व महाराष्ट्र में 5 रु की राहत

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गुरूवार को पीएम आवास पर बैठक के बाद सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर राहत दी है। मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल 2.50 रुपये की सब्सिडी दी है। वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि गुजरात भी पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 2.50 रुपये की कटौती करेगा। इसलिए गुजरात में आज आधी रात से पेट्रोल और डीजल 5 रुपये सस्ता हो जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी पेट्रोल की कीमत पर 2.50 रुपये कटौती की घोषणा की है। वहां भी 5 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल सस्‍ता हो जाएगा।

उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने उड़ीसा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक से अपील की है कि वह भी अन्‍य राज्‍यों की तरह 2.50 रुपये की कटौती करें, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।
इससे पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी से लोगों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल की कीमत को 2.50 रुपये प्रति लीटर कम किए जाने की घोषणा की है।

अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद मीडिया को इस फैसले की जानकारी देते हुए जेटली ने कहा, ‘केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर 1.50 रुपये की कटौती की जाएगी। इसके अलावा तेल कंपनियां प्रति लीटर एक रुपये की कटौती करेंगी। इस तरह पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 2.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की जाएगी।’

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय एक्साइज में कटौती से सरकार के राजस्व पर 10,500 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। जेटली ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 2.50 रुपये कम करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकारों को यह चिट्ठी लिखने जा रहे हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल दोनों पर प्रति लीटर 2.50 रुपये की कटौती करने जा रही है, इसलिए उन्हें भी ऐसा करना चाहिए।

गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला वैट राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आने वाला कर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। गुरुवार को कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई, जो पिछले चार सालों के दौरान कीमतों में आई सबसे बड़ी उछाल है।