बिहार में शराब के अशिकों की नई खोज, चायपत्ती से बनाई शराब, चढ़े पुलिस के हत्थे

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वाह रे वाह बिहार के होनहार नौजवान, शराबबंदी के बाद पीने वालों ने कई तरह के नए तरीके ईजाद कर लिए लेकिन अगर आपको कहें कि चायपत्ती से भी शराब बनती है तो आप सहसा विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन, दरभंगा में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो चायपत्ती से शराब बनाकर बेचता था।

दरभंगा पुलिस ने पहली बार राज्य के बाहर पश्चिम बंगाल में छापेमारी कर नकली शराब फैक्ट्री को नष्ट कर उत्तर बिहार के लिए सिरदर्द बने गिरोह का उदभेदन किया है। दरभंगा के बहादुरपुर थाने के बीएमपी 13 स्थित मनौरा की ओर जाने वाली सड़क से पिकअप वैन से 95 कार्टन शराब की जब्ती और गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के तीन एवं अररिया जिले के एक सप्लायर की निशानदेही पर पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।

पश्चिम बंगाल पुलिस के सहयोग से दार्जिलिंग जिले के विधाननगर थाना क्षेत्र में तीन जगहों पर छापेमारी की गई। इसमें 170 कार्टन नकली शराब की बरामदगी हुई। साथ ही भारी मात्रा में शराब की खाली बोतलें, विभिन्न कंपनियों के रैपर, स्प्रिट, चायपती, गुड़ आदि बरामद की गई। एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि विधाननगर थाने में इसको लेकर कांड संख्या 233/18 दर्ज कराई गई है।

दार्जिलिंग जिले के विधान थाने के मदन मोहन दास उर्फ बुम्बा, मो. रियाज आलम, प्रसन्नजीत राय, अररिया जिले के जोकीहट थाना क्षेत्र के पथराबारी निवासी शमसुल हक का बेटा पूर्व मुखिया वसीम राजा रविवार को पिकअप वैन डब्ल्यूबी57डी-2161 से 95 कार्टन में 2280 बोतलें (855 लीटर) नकली शराब लेकर दरभंगा में सप्लाई करने आए थे।

सूचना मिलते ही पुलिस ने बहादुरपुर थाने के मनौरा गांव जाने वाली सड़क पर छापेमारी कर पिकअप को जब्त कर सभी को गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर डीएसपी अनोज कुमार, बहादुरपुर थानाध्यक्ष आरएन सिंह, तकनीकी सेल के सुनील कुमार, मुकेश कुमार आदि की टीम बनाकर पश्चिम बंगाल में छापेमारी की गई, जहां नकली शराब बनाने की फैक्ट्री को नष्ट कर दिया गया।