“चीन के हवाले एयरटेल-वोडाफोन साथियों ? “

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भारत का मोबाइल नेटवर्क चीन चलाएगा तो चीन से रक्षा कैसे होगी, ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि भारत की दो बड़ी मोबाइल कंपनियों के ज्यादातर सामान अब तक चीन से आते रहे हैं, वोडाफोन और एयरटेल दोनों कंपनियों की चाइनीज सेना से जुड़ी कंपनी हुवावे और जेड टी ई से करार रहे हैं।लेकिन अब गलवान और अरुणाचल को लेकर चीन का खौफनाक चेहरा सामने आने के बाद भी ये कंपनियां चीन से सांठगांठ तोड़ना नहीं चाह रही हैं।

एयरटेल ने 5G उपकरणों का 300 करोड़ का ठेका चीन को दिया

वोडाइफोन भी चीनी कंपनियों की भाषा बोल रहा है

हैकिंग से कैसे बचेगा भारत ?

गौरतलब है कि गलवान में सैन्य हमले के साथ ही, चीन के हैकर्स अब भारत के साइबर स्पेस को निशाना बना रहे हैं। खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ महीनों में चीनी हैकर्स ने मुंबई की बत्ती गुल कर दी थी, रक्षा, बिजली और सेना के नेटवर्क में सेंध लगाने की भी साजिश की।

चीन की ऐसी ही नापाक हरकतों से तंग आकर अमेरिका भी चाइनीज मोबाइल उपकरणों को No कह चुका है, गूगल माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने ग्राहकों को चीन से सतर्क रहने को कहा है। लेकिन हमारे देश की कंपनियां को शायद इस बात की परवाह नहीं..

एयरटेल ने चीन की जिस कंपनी हुवावे से 300 करोड़ रूपए का करार किया है…वो पहले ही शातिर घोषित हो चुकी है…. गूगल के पूर्व सीईओ एरिक स्मिथ ने भी इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था… इस कंपनी पर बड़े पैमाने पर लोगों की अहम जानकारी और डाटा चीनी सरकार तक पहुंचाने का आरोप है।

लेकिन बात सिर्फ भारत-चीन विवाद को लेकर नहीं है…सोचने वाली बात ये है कि भारत में एयरटेल के लाखों यूजर्स हैं.. लाखों लोगों के नाम, नंबर, और यहां तक कि आधार कार्ड भी एयरटेल से जुड़ी हुई है.. आधार कार्ड से तो बैंक अकाउंट भी जुड़े होते हैं… ऐसे में लोगों का डाटा कैसे सुरक्षित रहेगा… हुवाई को कॉन्ट्रैक्ट देकर एयरटेल ने सीधे तौर पर भारत देश की सुरक्षा को लेकर मुश्किलें बढ़ा दी है… वो भारत जिसके जवान देश को चीनी सैनिकों से बचाने के लिए शहीद हो गए… लेकिन एयरटेल की ये हरकत तो अपने ही हाथों बिकने जैसी बात हो गई…