VHP की धर्मसभा में संतों और राम मन्दिर समर्थकों का जमावड़ा, मंत्रोच्चार के साथ शुरु हुई धर्मसभा

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संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने के ठीक दो दिन पहले राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में धर्मसभा कर रही है।रविवार को मंत्रोच्चार के साथ धर्मसभा शुरू हुई।

धर्मसभा

मंच पर वीएचपी के बड़े पदाधिकारियों के साथ कई संत मौजूद हैं। आज धर्मसभा को साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, आरएसएस के सुरेश भैय्याजीजोशी, आलोक कुमार और बीएस कोकजे संबोधित कर रहे हैं।

दिल्ली में वीएचपी की धर्मसभा में RSS केसरकार्यवाहक भैया जी जोशी ने कहा, ‘हम चाहते हैं, जो भी हो शांति से हो,संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते,इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें।हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है।’

दिल्ली में वीएचपी की धर्मसभा में RSS के सरकार्यवाहक भैया जी जोशी ने कहा, ‘न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए. जिस देश में न्यायालय में विश्वास घटता है, उसका उत्थान होना असंभव है। इसलिए न्यायालय को भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। देश पर हमला करने वालों के निशान मिटने चाहिए।’

धर्मसभा को संबोधित करते हुए VHP के उपाध्यक्ष चंपतराय ने कहा, ‘अगर इंडिया गेट से जॉर्ज पंचम हटाए जा सकते हैं, विक्टोरिया गायब हो सकती है, इरविन हॉस्पिटल, विलिंगटन हॉस्पिटल, औरंगजेब रोड के नाम बदले जा सकते हैं, सोमनाथ पुनर्निमाण का संकल्प भारत की राजसत्ता 1950 में कर सकती है, तो आज की राजसत्ता भी संकल्प करे। हिंदुस्तान की तरुणाई इस राजसत्ता को बल प्रदान करने के लिए यहां आई है।आगे बढ़ो, कानून बनाओ, अयोध्या हिंदुओं का तीर्थ है, मोक्ष नगरी है, ये हिंदुओं का ही तीर्थ रहेगा, किसी आक्रमणकारी का कोई प्रतीक नहीं चाहिए।’

धर्मसभा

उन्होंने कहा, ‘देश की संस्थाओं को गुलामी अस्वीकार करनी ही होगी. हमें कानून से मंदिर चाहिए। सरकार और न्यायपालिका का धर्म है कि वो जिस देश में रहते हैं, उसके सम्मान की रक्षा करें. उसके गौरव में वृद्धि करे, जिन आक्रमणकारियों ने देश पर हमले किए, उनकी निशानियां हटाओ. उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने भगवान राम के जन्मस्थान के 3 टुकड़े कर दिए. हमें तीन टुकड़े नहीं, पूरा स्थान चाहिए। हम एक इंच जमीन नहीं देंगे। हमें ऐसा कानून चाहिए, जिसमें भगवान राम की जन्मभूमि व लीला भूमि हिंदूओं को प्राप्त हो. हमें बंटवारा स्वीकार नहीं है।’

सुरेंद्र जैन का कहना है कि अगर किसी वजह से शीतकालीन सत्र में राम मंदिर को लेकर विधेयक नहीं आता है, तो प्रयाग में होने वाले महाकुंभ में होने वाली आगामी धर्म संसद में भविष्य की रणनीति तय होगी। बता दें कि महाकुंभ में 31 जनवरी से एक फरवरी तक दो दिवसीय धर्म संसद होनी हैं, जिसमें राम मंदिर समेत कई अन्य मुद्दों पर धर्मादेश जारी होगा।